अहमद पटेल के निधन पर सोनिया गांधी ने जातया दुख, बोलीं- मैंने ऐसा दोस्त खोया, जिसकी कमी कोई नहीं पूरी कर सकता

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का आज तड़के निधन हो गया है। पटेल को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी नेताओं में गिना जाता था। पटेल के निधन पर सोनिया गांधी ने कहा, ‘पटेल एक ऐसे कामरेड, निष्ठावान सहयोगी और मित्र थे जिनकी जगह कोई नहीं ले सकता। उनका पूरा जीवन कांग्रेस को समर्पित था।’

सोनिया गांधी ने एक शोक संदेश में कहा, ‘श्री अहमद पटेल के जाने से मैंने एक ऐसा सहयोगी खो दिया है, जिनका पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी को समर्पित था। उनकी निष्ठा और समर्पण, अपने कर्तव्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, मदद के लिए हमेशा मौजूद रहना और उनकी शालीनता कुछ ऐसी खूबियां थीं, जो उन्हें दूसरों से अलग बनाती थीं।’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘मैंने ऐसा कॉमरेड, निष्ठावान सहयोगी और मित्र खो दिया जिनकी जगह कोई नहीं ले सकता। मैं उनके निधन पर शोक प्रकट करती हूं और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती हूं।’

पटेल कांग्रेस के स्तंभ थे जो मुश्किल दौर में पार्टी के साथ खड़े रहे : राहुल

वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अहमद पटेल के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि पटेल एक ऐसे स्तंभ थे जो सबसे मुश्किल दौर में भी पार्टी के साथ खड़े रहे। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने दुख जताते हुए कहा कि पटेल की कांग्रेस के प्रति प्रतिबद्धता और सेवा असीमित थी।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘यह दुख का दिन है। श्री अहमद पटेल कांग्रेस पार्टी के स्तंभ थे। उन्होंने कांग्रेस को जिया और सबसे मुश्किल दौरे में पार्टी के साथ खड़े रहे। वह बहुत बड़ी पूंजी थे। हम उनकी कमी महसूस करेंगे। फैसल, मुमताज और परिवार के प्रति मेरा स्नेह और संवेदना है।’

प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘अहमद पटेल जी के पूरे परिवार खासकर मुमताज और फैसल के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। कांग्रेस पार्टी के प्रति आपके पिता की सेवा और प्रतिबद्धता असीमित थी। हम सभी उनकी कमी बहुत महसूस करेंगे। मैं कामना करती हूं कि आप लोगों को यह दुख सहन करने की शक्ति मिले।’

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘निशब्द.. जिन्हें हर छोटा बड़ा, दोस्त, साथी..विरोधी भी…एक ही नाम से सम्मान देते थे- ‘अहमद भाई’! वो जिन्होंने सदा निष्ठा व कर्तव्य निभाया, वो जिन्होंने सदा पार्टी को ही परिवार माना, वो जिन्होंने सदा राजनीतिक लकीरें मिटा दिलों पर छाप छोड़ी, अब भी विश्वास नहीं..अलविदा अहमद जी।’

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