अमेरिका-तालिबान वार्ता से ठीक पहले, अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए एक रॉकेट हमले में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है और 30 अन्य लोग घायल हुए हैं.आंतरिक मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि शनिवार सुबह एक रिहायशी इलाक़े में दो कारों से लगभग बीस मोर्टार (रॉकेट) दागे गये.इस हमले में कई इमारतें और वाहन क्षतिग्रस्त होने की भी ख़बर है. वहीं तालिबान ने इस हमले के पीछे होने से इनकार किया है.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो तालिबान वार्ताकारों से दोहा में मिलने वाले हैं, ताकि शांति वार्ता फिर से शुरू की जा सके.अमेरिकी प्रशासन के इस निर्णय की यह कहते हुए आलोचना की गई कि इस तेज़ी से अमेरिकी सैनिक घटाये जाने के कारण अफ़ग़ान सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि उस स्थिति में तालिबान और अन्य चरमपंथियों से निपटने की अफ़ग़ान सरकार की क्षमता कमज़ोर हो जायेगी.
कई विश्लेषकों को यह डर है कि अफ़ग़ान सेना इतनी मज़बूत नहीं है कि वो विदेशी सैनिकों के जाने के बाद, अपने दम पर यह लड़ाई लड़ सके.शनिवार को जो हमला हुआ, उसमें केंद्रीय और उत्तरी काबुल को निशाना बनाया गया जहाँ कुछ दूतावास स्थित हैं और कुछ अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के दफ़्तर हैं.
काबुल में स्थित ईरानी दूतावास ने कहा है कि मोर्टार के कुछ हिस्से उनके परिसर में भी गिरे, पर कोई इस हमले में घायल नहीं हुआ.तालिबान द्वारा मना किये जाने के बाद, एक अन्य क्षेत्रीय इस्लामिक गुट पर इस हमले के पीछे होने का शक किया जा रहा है.
इस इस्लामिक गुट ने हाल में काबुल शहर में हुए हमलों में शामिल होने की बात कुबूल की थी. कुछ सप्ताह पहले इस गुट ने एक शैक्षणिक संस्थान पर हमला किया था जिसमें कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई थी.