दीपावली के बाद स्कूल-कॉलेज शुरु होने की संभावना, परन्तु राज्य के 76 प्रतिशत स्कूलों के पास एनओसी नहीं है

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गुजरात सरकार ने कैबिनेट की मीटिंग में दीपावली के बाद स्कूल -कॉलेज शुरु करने का संकेत दिया है। दिल्ली की तरह दुबारा कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा नहीं होता तो कक्षा 12 से उतरते क्रम में विद्यालय चालू किए जाएंगें। दूसरी और फायर सेफ्टी की बात करें तो गुजरात उच्च न्यायालय के कठोर निर्देश के बावजूद आज भी राज्य के 76 प्रतिशत हाई स्कूलों के पास फायर सेफ्टी के संबंध में एनओसी नहीं है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुजरात में विधान सभा के उपचुनाव के बाद आयोजित कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री विजय रुपाणीऔर शिक्षा मंत्री भुपेन्द्र सिंह चुणास्मा शिक्षण सचिव के साथ उच्च शिक्षण संस्थान और स्कूलों को चालू करने के सभी पहलुओं पर चर्चा किया। सचिव ने कहा कि वर्तमान समय में दिल्ली में दुबारा कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। गुजरात में यह परिस्थिति नहीं रही तो दो सप्ताह में स्कूल – कॉलेज खोलने का अन्तिम निर्णय लिया जाएगा।
प्रथम चरण में कॉलेज और उच्च टेक्निकल शिक्षण संस्थान तत्पश्चात 12 से नव तक के वर्ग को उतरते क्रम में शुरु किया जाएगा। गुजरात में कोरोना संक्रमित मामलें,अस्पताल में उपचार कराने वाले मरीजों की संख्या और मृत्यु दर में कमी आई है। कोरोना महामारी में आयोजित आठ विधान सभा के चुनाव में लेगों से सामाजिक अन्तर का पालन करते हुए मतदान किया है। राज्य में चार महिने से आनलाइन शिक्षण कार्य चल रहा है। पाठ्यक्रम में भी कमी की गई है। आनलाइन शिक्षा, फिजिकल शिक्षा का विकल्प नहीं हो सकती, इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए स्कूल चालू करने की मांग उठ रही है।
शहर के विविध क्षेत्रों में ज्यादा तर विद्यालय बहुमंजली हैं। आग लगने की घटनाएं गुजरात की सुर्खियां रही हैं। फायर सेफ्टी को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद अब भी फायर सेफ्टी के नियमों का सही ढंग से पालन नहीं होता। शहर के 1917 स्कूलों में से 1178 के पास तथा राज्य के 16187 हाईस्कूलों में से 76 प्रतिशत के पास फायर सेफ्टी की एनओसी नहीं है ।अन लॉक पांच के बाद जब सरकार फिजकली स्कूल चालू करने के लिए गंभीरता से विचार रही है ऐसी परिस्थिति में बालकों की सुरक्षा भी एक गंभीर मसला है।
कोरोना से बचाव की चर्चा होती है, फायर सेफ्टी को लेकर भी चर्चा होती है, परन्तु फायर सेफ्टी के नियमों का सख्ती से पालन नहीं होता। जहाँ 76 प्रतिशत विद्यालय बिना फायर एनओसी के चल रहें हैं, वहाँ प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल जरूर खड़ा होता। जिला शिक्षण अधिकारी और एज्युकेशन इन्सपेक्टर के कार्य क्षेत्र में फायर एनओसी का निरीक्षण भी आता है फिर भी उनके रहमों करम पर विद्यालय चलते हैं। राज्य के तीन जिले नवसारी, डांग और गांधीनगर में चलने वाले सभी विश्वविद्यालयों के पास फायर सेफ्टी का एनओसी है।
ओमप्रकाश यादव अहमदाबाद गुजरात।

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