पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग, 28 अक्टूबर 2020

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*********|| जय श्री राधे ||*********
?? *महर्षि पाराशर पंचांग* ??
??? *अथ पंचांगम्* ???
*********ll जय श्री राधे ll*********
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*दिनाँक -: 28/10/2020,बुधवार*
द्वादशी, शुक्ल पक्ष
आश्विन
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि ———द्वादशी 12:53:31 तक
पक्ष —————————शुक्ल
नक्षत्र –पूर्वाभाद्रपदा 09:10:07
योग ———व्याघात 25:47:02
करण ———-बालव 12:53:31
करण ———कौलव 26:02:56
वार ————————–बुधवार
माह ————————-आश्विन
चन्द्र राशि ———————मीन
सूर्य राशि ——————– तुला
रितु —————————–शरद
आयन ——————दक्षिणायण
संवत्सर ———————–शार्वरी
संवत्सर (उत्तर) ————-प्रमादी
विक्रम संवत —————-2077
विक्रम संवत (कर्तक)——2076
शाका संवत —————-1942
वृन्दावन
सूर्योदय —————-06:28:27
सूर्यास्त —————–17:37:01
दिन काल ————-11:08:34
रात्री काल ————-12:52:05
चंद्रोदय —————-16:10:44
चंद्रास्त —————–28:18:05
लग्न —-तुला 10°55′ , 190°55′
सूर्य नक्षत्र ——————स्वाति
चन्द्र नक्षत्र ———–पूर्वाभाद्रपदा
नक्षत्र पाया ——————–ताम्र
*??? पद, चरण ???*
दी —-पूर्वाभाद्रपदा 09:10:07
दू —-उत्तराभाद्रपदा 15:51:13
थ —-उत्तराभाद्रपदा 22:33:07
झ —-उत्तराभाद्रपदा 29:15:42
*??? ग्रह गोचर ???*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
========================
सूर्य=तुला 10°52 ‘ स्वाति , 2 रे
चन्द्र = मीन 01°23 ‘पू oभा o’ 4 दी
बुध = (व)तुला 05°07 ‘ स्वाति’ 4 री
शुक्र= कन्या 05°55,उ oफाo ‘ 3 पा
मंगल=(व)मीन 23°30’ रेवती ‘ 2 दो
गुरु=धनु 26°22 ‘ पू oषा o , 4 ढा
शनि=मकर 01°43’ उ oषा o ‘ 2 भो
राहू=(व)वृषभ 28°10 ‘मृगशिरा , 2 वो
केतु=(व)वृश्चिक 28°10 ज्येष्ठा , 4 यू
*???शुभा$शुभ मुहूर्त???*
राहू काल 12:03 – 13:26 अशुभ
यम घंटा 07:52 – 09:16 अशुभ
गुली काल 10:39 – 12:03 अशुभ
अभिजित 11:40 -12:25 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:40 – 12:25 अशुभ
?पंचक अहोरात्र अशुभ
?चोघडिया, दिन
लाभ 06:28 – 07:52 शुभ
अमृत 07:52 – 09:16 शुभ
काल 09:16 – 10:39 अशुभ
शुभ 10:39 – 12:03 शुभ
रोग 12:03 – 13:26 अशुभ
उद्वेग 13:26 – 14:50 अशुभ
चर 14:50 – 16:13 शुभ
लाभ 16:13 – 17:37 शुभ
?चोघडिया, रात
उद्वेग 17:37 – 19:14 अशुभ
शुभ 19:14 – 20:50 शुभ
अमृत 20:50 – 22:27 शुभ
चर 22:27 – 24:03* शुभ
रोग 24:03* – 25:40* अशुभ
काल 25:40* – 27:16* अशुभ
लाभ 27:16* – 28:53* शुभ
उद्वेग 28:53* – 30:29* अशुभ
?होरा, दिन
बुध 06:28 – 07:24
चन्द्र 07:24 – 08:20
शनि 08:20 – 09:16
बृहस्पति 09:16 – 10:11
मंगल 10:11 – 11:07
सूर्य 11:07 – 12:03
शुक्र 12:03 – 12:58
बुध 12:58 – 13:54
चन्द्र 13:54 – 14:50
शनि 14:50 – 15:46
बृहस्पति 15:46 – 16:41
मंगल 16:41 – 17:37
?होरा, रात
सूर्य 17:37 – 18:41
शुक्र 18:41 – 19:46
बुध 19:46 – 20:50
चन्द्र 20:50 – 21:54
शनि 21:54 – 22:59
बृहस्पति 22:59 – 24:03
मंगल 24:03* – 25:07
सूर्य 25:07* – 26:12
शुक्र 26:12* – 27:16
बुध 27:16* – 28:20
चन्द्र 28:20* – 29:25
शनि 29:25* – 30:29
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*?दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*? अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
12 + 4 + 1 = 17 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*? शिव वास एवं फल -:*
12 + 12 + 5 = 29 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
*?भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*?? विशेष जानकारी ??*
*प्रदोष (शिव पूजन)
*??? शुभ विचार ???*
तैलाभ्यड्गे चिताधूमे मैथुने क्षौरकर्मणि ।
तावद् भवति चाण्डालो यावत्स्नानं न चाचरेत् ।।
।।चा o नी o।।
शरीर पर मालिश करने के बाद, स्मशान में चिता का धुआ शरीर पर आने के बाद, सम्भोग करने के बाद, दाढ़ी बनाने के बाद जब तक आदमी नहा ना ले वह चांडाल रहता है.
*??? सुभाषितानि ???*
गीता -: ज्ञानविज्ञानयोग अo-07
अन्तवत्तु फलं तेषां तद्भवत्यल्पमेधसाम्‌ ।,
देवान्देवयजो यान्ति मद्भक्ता यान्ति मामपि ॥,
परन्तु उन अल्प बुद्धिवालों का वह फल नाशवान है तथा वे देवताओं को पूजने वाले देवताओं को प्राप्त होते हैं और मेरे भक्त चाहे जैसे ही भजें, अन्त में वे मुझको ही प्राप्त होते हैं॥,23॥,

*?? दैनिक राशिफल ??*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
?मेष
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कुबुद्धि हावी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। मित्रों से संबंध सुधरेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है।
?वृष
व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। लाभ के अवसर हाथ से निकलेंगे। बेवजह कहासुनी हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यापार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। धैर्य रखें। शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। दु:खद समाचार मिल सकता है।
?मिथुन
घर के सदस्यों के स्वास्थ्य व अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी सहयोग करेंगे।
?कर्क
शत्रु पस्त होंगे। सुख के साधन जुटेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। लंब समय से रुके कार्य सहज रूप से पूर्ण होंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। शेयर मार्केट में सफलता मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शुभ समय।
?सिंह
किसी अपने के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। शारीरिक कष्ट संभव है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शत्रु पस्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल होंगे। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी।
?‍♀️कन्या
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। बेवजह कहासुनी हो सकती है। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मियों का साथ मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।
⚖️तुला
पुराना रोग परेशानी का कारण रह सकता है। दूसरों के कार्य में दखल न दें। बड़ों की सलाह मानें। लाभ होगा। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। मानसिक बेचैनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। धैर्य रखें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें।
?वृश्चिक
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी अप‍रिचित पर अतिविश्वास न करें। विवाद से क्लेश होगा। दूसरों के उकसाने में न आएं। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। कोई बड़ी समस्या आ सकती है। धैर्य रखें। शारीरिक कष्ट संभव है तथा तनाव रहेंगे।
?धनु
घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। अज्ञात भय रहेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा।
?मकर
सुख के साधन प्राप्त होंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी।
?कुंभ
आराम तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। यश बढ़ेगा। व्यापार वृद्धि होगी। नई योजना बनेगी जिसका तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। प्रमाद न करें। चोट व रोग से परेशानी संभव है।
?मीन
आंखों का ख्याल रखें। अज्ञात भय सताएगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन आ सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। लॉटरी व सट्टे से दूर रहें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में प्रमोशन प्राप्त हो सकता है। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।
राशि फलादेश
?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

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