रावण का पुतला दहन विद्धवानो का अपमान – जय प्रकाश मिश्र

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लम्बे समय से रावण का पुतला दहन जो विजय दशमी के दिन बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है और उस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत बताई जाती है को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे है और इसे विद्ववानों का अपमान बताया जारहा है ।
उल्लेखनीय है कि उक्त पुतला दहन को लेकर राष्ट्रवादी पार्टी ऑफ इण्डिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश मिश्र ने अपने जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि रावण एक प्रकाण्ड विद्ववान,शुरबीर,स्वभिमानी ज्योतिषी,अपने पुरोहित धर्म का पालन करने वाला ब्राह्मण था उसने भगवान राम के अवतार लेने के बाद अपने कूल को तारने के लिए भगवान राम से बैर ले लिया औऱ उसमे सफल रहा ऐसे महान व्यक्ति का हर वर्ष पुतला जलाना विद्ववानों का अपमान है|
उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से इस अपवाद को रोकने के लिए पूरे देश में अभियान चलाने की बात कही ताकि के पुतला दहन को पूरे देश में रोका जा सके ताकि विद्ववानों का अपमान न हो।उन्होंने यह भी कहा की रावण के मृत्यु के अन्तिम समय में भगवान राम ने लक्ष्मण को रावण से ज्ञान प्राप्त करने हेतू रावण के पास भेजा था रावण के मृयु के बाद भगवान राम ने पश्चाताप के लिए एक वर्ष तक हिमालय में अगस्त मुनि के आश्रम में एक वर्ष तक तपस्या किया तब जा कर फली भूत हुए ऐसे मेँ रावण का पुतला दहन विद्ववानों का अपमान है।
दुर्गेश मिश्र संबाददाता
कुशीनगर

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