बच्ची की ख्वाहिशें पूरी न कर पाई माँ तो गला घोंट कर की हत्या

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हंडिया थाना क्षेत्र के भेस्की गांव में मां ने अपनी ही बच्ची का गला दबाकर हत्या कर दी। इसके पीछे बेटी की मामूली हसरतें थीं, जिसे पूरा न कर पाने का मां को हमेशा मलाल रहता था। रविवार को भी छह बच्ची ने कुछ खाने की जिद की। इससे गुस्से में आकर मां ने बच्ची का गला दबा दिया। सुबह उसने लोगों से बताया कि किसी ने घर में आकर उसकी बच्ची का गला दबा दिया था। पुलिस को मामला संदिग्ध लगा। पूछताछ हुई तो मां टूट गई। उसने स्वीकार किया कि उसने ही गुस्से में बेटी का गला दबा दिया था। मंगलवार को मां को जेल भेज दिया गया।
भेस्की गांव का रहने वाला रत्नेश तिवारी राज मिस्त्री है। कोरोना के कारण रत्नेश काफी समय घर में रहा। लॉकडाउन के बाद उसने दोबारा काम शुरू किया लेकिन आर्थिक रूप से बुरी तरह टूट गया था। परिवार में पत्नी ऊषा और दो बेटों के अलावा छह साल की बेटी अंशिका थी। गरीबी के कारण ऊषा बहुत चिड़चिड़ी हो गई थी। रविवार को रत्नेश किसी काम से भदोही गया था। घर पर ऊषा और तीनों बच्चे थे। सोमवार की सुबह ऊषा ने गांव वालों को बताया कि रात में उसकी बेटी का किसी ने घर में घुसकर गला दबा दिया।
हालांकि किसी को ऊषा की बात पर यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि बंद घर में कैसे कोई जा सकता है। बेटी की मौत की खबर सुनते ही रत्नेश घर आ गया। उसने तुरंत ऊषा पर ही शक जता दिया कि बेटी को किसी और ने नहीं, बल्कि ऊषा ने ही मारा है। इसके बाद पुलिस ने ऊषा को हिरासत में ले लिया। पहले तो वह मानने को तैयार नहीं था। उसने कहा कि उसकी बेटी रात में चीखने लगी तो वह जागी। बेटी ने बताया कि किसी ने उसका गला दबा दिया। वह उसे लेकर बाहर भी गई लेकिन को नहीं था। इसके बाद बेटी को सुला दिया।
सुबह उसकी मौत हो गई। वह घंटों यही बात कहती रही लेकिन पुलिस की पूछताछ में टूट गई। चौकी इंचार्ज सैदाबाद ने बताया कि ऊषा ने सब कुछ बता दिया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। ऊषा ने बताया कि अंशिका अक्सर बाहर का खाने की जिद करती थी। पैसा न होने के कारण वह कुछ दिला नहीं पाती थी। इसी कारण ऊषा कुंठित रहने लगी थी। परिवार में आर्थिक तंगी को लेकर अक्सर कलह होती थी। घटना वाली रात में भी अंशिका किसी चीज की जिद करने लगी तो गुस्से में ऊषा ने उसका गला दबा दिया। पुलिस के मुताबिक ऊषा को मंगलवार को जेल भेज दिया गया।
प्रधान ने कहा, परिवार को सभी सरकारी सुविधाएं
ऊषा ने अपनी ही बेटी को मार दिया। यह खबर सुनकर गांव वाले हैरत में पड़ गए। ग्राम प्रधान अरविंद वर्मा ने जब यह सुना कि उसने गरीबी के कारण ऐसा किया तो वह पुलिस के पास पहुंच गए। उन्होंने बताया कि रत्नेश के परिवार को सरकारी आवास मिला है। राशन कार्ड वाली सारी सुविधाएं उसे मिल रही हैं। ऐसे में यह कैसे कहा जा सकता है कि गरीबी के कारण उसने घटना को अंजाम दिया। गांव में ऊषा की इस हरकत से सभी स्तब्ध हैं। इस मामले को लेकर गांव में तरह तरह की चर्चाएं चल रही हैं।

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