कृषि लागत को कम करने के लिए उर्वरकों के प्रबंधन की कार्यशाला का पहला चरण हुआ पूरा

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बाराबंकी। भारत में किसानों की आय को बढ़ाने और लागत को कम करने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा एकीकृत तत्त्व प्रबंधन के पाठ्यक्रम का क्षेत्र में जाकर कृषि से संबंधित पहलुओं को समझने के लिए प्रशिक्षार्थियों का एक जत्था दौलतपुर गांव पहुंचा। जहां प्रक्षिक्षण लेने वाले प्रतिभागियों से पद्श्री राम सरन वर्मा ने अपने अनुभवों को साझा किया और खेती करने के तरीकों पर चर्चा की।
इस प्रशिक्षण में केंद्र सरकार की कम लागत, आय अधिक की मंशा के साथ-साथ किसानों के मार्गदर्शन पर जोर दिया गया। इस कार्यक्रम में राज्य सरकार व कृषि विभाग का योगदान रहा। 15 दिवसीय प्रशिक्षण का उद्देशय उर्वरक व्यसाइयों को प्रशिक्षित करने का ध्येय किसानों का सही मार्गदर्शन करना और उन्हें समय-समय पर मार्गदर्शित करते हुए नयी तकनीकियों से अवगत कराना है।

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एकीकृत तत्व प्रबंधन के इस 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 30 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया, जिसमें प्रशिक्षार्थियों को 10 दिन तक उर्वरकों के प्रयोग की शिक्षा और अंतिम के पांच दिनों तक क्षेत्र का विचरण कर जानकारी प्रदान की जाती है।
प्रशिक्षण के कार्यक्रम संयोजक सुभाष चंद्र पाण्डेय ने प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी प्रदान की। इस एक दिवसीय दौरे में प्रतिभागियों को विकासशील किसान राम सरन वर्मा, उर्वरक व्यसायी सज्जन लाल गुप्ता ने प्रशिक्षित किया।
अतुल कुमार श्रीवास्तव
जिला संवाददाता, राष्ट्रिय ज़जमेंट।

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