मानव जाति को बचाये रखने में ‘अंगदान’ महत्वपूर्ण है

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डॉ उपासना माथुर
आज अंगदान दिवस अर्थात ऑर्गन डोनेशन डे पर ग्वालियर अंचल के शिवनाथ सिंह नर्सिंग कॉलेज के द्वारा कोरोना काल को देखते हुए ऑनलाइन प्रतियोगिता रखी गयी। इस प्रतियोगिता की थीम अंगदान पर रखी गयी थी जिसमें छात्रों के द्वारा अंगदान का महत्व बताया गया था। इस प्रतियोगिता में 20 नर्सिंग प्रतिभागियों ने भाग लिया एवम सभी ने अंगदान के लिए अपने महत्वपूर्ण बिंदुओं को रखा।
इस प्रतियोगिता की जज डॉ उपासना माथुर एवम आभा त्रिपाठी जी थीं। छात्रों के द्वारा बताया गया कि कभी ऑर्गन्स फेल होने से तो कभी एक्सीडेंट होने के कारण ऑर्गन खराब होने की वजह से देश मे लाखो लोगो की मृत्यु हो जाती है।
ज्यादातर यह मृत्यु अंगदान दाता के न मिलने से हो जाती है। ऐसी स्थिति को सिर्फ अंगदान करके टाला जा सकता है। साथ मे छात्रों ने यह भी बताया कि आपका कौन से अंग का कब प्रत्यारोपण किया जाता है और वह कितने समय तक जीवित रहता है।
छात्रों ने यह भी बताया कि जिसे कैंसर, डायबिटीज जैसी घातक बीमारी नहीं है, वह व्यक्ति अंगदान कर सकता है। कैंसर और एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति, रक्त के द्वारा उतपन्न जटिल बीमारियों की दवाओं का इस्तेमाल करने वाले अंगदान नहीं कर सकते।
जब राष्ट्रीय जजमेंट के पत्रकार से “डॉ उपासना माथुर” जी से बात की तो उन्होंने बताया कि – अंगदान किसी वरदान से कम नहीं क्योकि इसके द्वारा उन लोगो को बचाया जा सकता है जिनकी जीवन लीला असमय ही समाप्त हो जाती है । मानव जाति को बचाये रखने के लिए अंगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
साथ मे डॉ माथुर ने यह भी कहा कि अंगदान पर सिर्फ चर्चा ही नही होना चाहिए बल्कि समाज मे इसके लिए जागरूकता पैदा करनी चाहिए ताकि लोगो मे इसके लिए जागरूक हो जिससे लोगो की असमय होने वाली मृत्यु टल सके।
नितेश उपाध्याय की रिपोर्ट ग्वालियर

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