पुर्नविचार के लिये वापस किये गये दावों का सकारात्मक निराकरण करें – कलेक्टर
कटनी (7अगस्त)- अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत अधिकारों की मान्यता अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 के तहत वनमित्र पोर्टल में अमान्य दावों के परीक्षण उपरान्त जिला समिति द्वारा पुर्नविचार के लिये वापस किये गये दावों का उपखण्ड स्तरीय समितियों द्वारा परीक्षण कर सकारात्मक निराकरण किया जाये। इस आशय के निर्देश कलेक्टर शशिभूषण सिंह ने अनुविभाग ढीमरखेड़ा में वन मण्डलाधिकारी रमेश चन्द्र विश्वकर्मा के साथ ली गई उपखण्डस्तरीय एवं एफआरसी लेवल की समितियों की संयुक्त बैठक में समीक्षा के दौरान दिये।
इस मौके पर एसडीएम सपना त्रिपाठी, नायब तहसीलदार एच0एस0 धुर्वे, जिला संयोजक आदिम जाति सरिता नायक, अनुविभागीय अधिकारी वन, सीईओ जनपद विनोद पाण्डेय और समिति के सदस्य तथा ग्राम सचिव, पटवारी एवं अन्य राजस्व, वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत पात्र हितग्राही को किस प्रकार की भूमि पर काबिज होने पर अधिकार पत्र दिया जाना है, यह अधिनियम में स्पष्ट दर्शाया गया है। डीम्ड फॉरेस्ट, राजस्व की भूमि के छोटे-बड़े झाड़ के जंगल और वन विभाग को वर्किंग प्लान के तहत दी गई राजस्व भूमि में भी वन अधिकार पत्र पात्र हितग्राहियों को दिया जाना है।
उन्होने कहा कि खालिस राजस्व की भूमि और पुराने जंगल के वृक्ष या सघन वन में भू-अधिकार के पट्टे नहीं दिये जा सकेंगे। कलेक्टर ने कहा कि जिलास्तरीय समिति द्वारा वापस पुर्नविचार के लिये भेजे गये अमान्य दावों का पुनः परीक्षण करें और साक्ष्य एवं दावा प्रमाण सहित प्रकरणों का सकारात्मक निराकरण करें। ताकि कोई भी पात्र हितग्राही अपनी काबिज जमीन के अधिकार पत्र से वंचित नहीं रहने पाये।
कलेक्टर श्री सिंह ने सत्यापन परीक्षण के लिये अधिक संख्या में लंबित अमान्य दावों वाली पंचायतों, भमका, दादर सिंहुड़ी, बिचुआ सहित अनेक पंचायतों में लंबित दावों की समीक्षा की। उन्होने कहा कि कल गुरुवार तक अधिकाधिक संख्या में अमान्य दावों का सकारात्मक निराकरण कर उपखण्ड स्तरीय समितियों को प्रस्तुत करें। उपखण्ड स्तरीय समिति शीघ्र जिला समिति से अनुमोदन प्राप्त कर अमान्य दावों का निराकरण करायें।
बैंक सहायित सभी योजनाओं में अपेक्षित प्रगति लायें – कलेक्टर
जिलास्तरीय बैंकर्स समिति की विशेष बैठक
