ट्यूबवेल मरम्मत का सामान न मिलने पर एटा जिले के किसानों ने उच्चाधिकारियों से लगाई गुहार

0
एटा: ट्यूबवेल को नहीं मिल रहा सामान, किसानों के सूखे खेत
एटा। जिले में औसत बारिश कम होने के चलते सिंचाई को लेकर किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है। अब सिंचाई के लिए ट्यूबवेल ही मुख्य साधन बचा हुआ है। वहीं, बिजली विभाग के पास ट्यूबवेल की मरम्मत आदि के लिए उन्हें देने के लिए सामान नहीं मिल रहा है। किसानों ने समस्या समाधान के लिए उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई है।
पानी की कमी को दूर करने के लिए किसान ट्यूबवेल लगाने के लिए धनराशि विभाग में स्टीमेट बनाकर जमा करा चुके हैं, पर उन्हें अभी तक ट्रांसफार्मर, खंभे और तार सहित अन्य जरूरी सामान नहीं मिल पा रहे हैं। इससे उन्हें अपनी फसल को बोने और बचाने की चिंता सताने लगी है।
मंगलवार को अमर उजाला की टीम ने गंगनपुर स्थित विद्युत विभाग के स्टोर की पड़ताल की तो स्थिति चिंताजनक मिली। ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों को पानी के लिए किसान ट्यूबवेल पर निर्भर हैं। ग्रामीण क्षेत्र में बिजली के दाम कम होने के चलते बड़े किसान अपने यहां ट्यूबवेल लगवाना पसंद कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन हो गया। इसके कारण विद्युत उपकरण बनाने वाली तमाम इकाइयां भी बंद हो गईं। इससे गंगनपुर स्थित विद्युत सब स्टोर में सामान नहीं आ पाया। सामान न मिल पाने से किसान ट्यूबवेल का उपयोग सिंचाई के लिए नहीं कर पा रहे हैं।
यह सामान दिया जाता है यहां से
स्टोर से ट्रांसफार्मर, सीमेंटेड खंभा, खेंच, तार, क्लिम्प, नट, बोल्ट आदि सामान दिया जाता है। यह निकतवर्ती विद्युत लाइन से किसान के खेत की दूरी के एस्टीमेट पर निर्भर करता है कि वहां कितने खंभे और तार चाहिए। उस अनुरूप धनराशि बढ़ या घट जाती है।
ऑफलाइन की सूची में हैं 150 किसान
जिले में जून से पहले ऑफलाइन रुपये जमा कर ट्यूबवेल के लिए सामान उपलब्ध कराया जा रहा था। जून के बाद से इसे ऑनलाइन कर दिया गया है। वर्तमान में करीब 150 लोग ऑफलाइन की लिस्ट में हैं, जबकि करीब 100 किसान ऑनलाइन सामान की डिमांड रुपये जमा कर डाल चुुुके हैं।
विभाग को डिमांड भेजी जा चुकी है। किसान पानी की किल्लत के कारण ट्यूबवेल लगाना चाह रहे हैं। विभाग के पास स्टोर में केवल 150 खंभे ही शेष हैं। अन्य सामान, जिसमें ट्रांसफार्मर, तार आदि प्रमुख हैं, विभाग के पास नहीं है। वेटिंग भी बढ़ती जा रही है। आदेश है कि पहले ऑनलाइन वालों को प्राथमिकता दी जाए।
-अजीत उपाध्याय, एसडीओ स्टोर
डेढ़ माह से ट्यूबवेल के लिए ट्रांसफार्मर सहित अन्य सामान लेने के लिए चक्कर लगा रहे हैं पर अभी तक सामान नहीं मिल पाया है। -वीरेंद्र सिंह, पिलुआ
रुपया विभाग में जमा करा दिया, पर सामान नहीं दिया जा रहा है। इससे खेत में धान आदि की फसल की बुआई में परेशानी आ रही है। -इनाम सिंह, सकीट
जिला एटा संवाददाता दीपक वर्मा✍️
✍️

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More