राजा मानसिंह हत्याकांड- 35 साल पुराने मामले में 11 दोषी, 22 जुलाई को सजा पर फैसला

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मथुरा। भरतपुर रियासत के राजा मानसिंह हत्याकांड में शामिल 14 आरोपितों में 11 को दोषी ठहराया गया है। तीन आरोपितों को बरी कर दिया गया है। दोषियों की सजा पर बुधवार को फैसला सुनाया जाएगा। राजस्थान के इस बहुचर्चित 35 साल पुराने इस मुकदमे की सुनवाई के लिए राजा मानसिंह की बेटी दीपा सिंह, उनके पति विजय सिंह आदि स्वजन मथुरा कोर्ट पहुंचे थे।

लिहाजा, कोर्ट की सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई थी। बताते चलें कि 21 फरवरी, 1985 को भरतपुर के राजा मान सिंह व दो अन्य की भरतपुर में पुलिस गोली-बारी में हत्या हुई थी। इस मामले में तत्कालीन सीओ कान सिंह भाटी, एसएचओ वीरेंद्र सिंह और अन्य को नामजद किया गया था। पुलिस ने मुठभेड़ की रिपोर्ट दर्ज की। घटना की सीबीआई जांच हुई। केस का आरोप पत्र सीबीआई ने जयपुर न्यायालय में दाखिल किया था। इसके बाद से वर्ष 1990 से मथुरा कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई चल रही है।

यह है मामला

चुनावी माहौल के बीच 20 फरवरी 1985 को राजा मान सिंह के खिलाफ राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर का हेलीकॉप्टर जीप से टक्कर मारकर तोड़ दिया था और मंच भी तोड़ दिया था। इस मामले की एफआईआर पुलिस थाने में दर्ज की गई थी। इसके एक दिन बाद 21 फरवरी 1985 को डीग विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय उम्मीदवार राजा मान सिंह अपनी जीप लेकर चुनाव प्रचार के लिए लाल कुंडा के चुनाव कार्यालय से डीग थाने के सामने से निकले थे।

उस वक्त पुलिस ने उन्हें घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें राजा मान सिंह, उनके साथ सुमेर सिंह और हरी सिंह की मौत हो गई थी। उनके शव जोगा जीप में मिले थे। इस वारदात के बाद डीग थाना के एसएचओ वीरेंद्र सिंह ने राजा मान सिंह के दामाद विजय सिंह सिरोही के खिलाफ 21 फरवरी को धारा 307 की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

हालांकि, विजय सिंह को उसी रात जमानत मिल गई और 22 फरवरी को राजा मान सिंह का दाह संस्कार महल के अंदर करने के बाद 23 फरवरी को विजय सिंह ने डीग थाने में राजा मान सिंह और दो अन्य की हत्या का मामला दर्ज कराया। इसमें सीओ कान सिंह भाटी, एसएचओ वीरेंद्र सिंह समेत 14 पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया था।

सीबीआई को सौंपा गया था मामला

हाई-प्रोफाइल होने की वजह से इस मामले को जल्द ही जांच के लिए सीबीआई के हवाले कर दिया गया था। साथ ही मामले की सुनवाई राजस्थान के बाहर मथुरा के न्यायालय में कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था। तब से इस मामले में अब तक करीब 78 बार गवाही हुई और अब आखिरकार इस मामले में फैसला आने वाला है। हालांकि, अब तक तीन अभियुक्तों की मौत हो चुकी है और ज्यादातर की उम्र 80 के करीब है।

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