दसियों बरसों से 150 पंचायत भवन अधूरे पड़े 218 नए बनने की तैयारी मैं,फर्रुखाबाद
– पंचायती राज निदेशक पंचायत भवनों की मांगी रिपोर्ट – जिला पंचायत कार्यालय में ढूंढे नहीं मिल रही फाइल संवाद न्यूज एजेंसी फर्रुखाबाद। जनपद की 218 ग्राम पंचायतों पंचायत भवन बनाने की तैयारी है। प्रत्येक ग्राम पंचायत पर 17.5 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि से 10 वर्ष पूर्व 150 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का निर्माण अधूरा पड़ा है। इससे पंचायत भवनों का पंचायती राज विभाग में हस्तांतरण भी लटका है। पंचायतीराज निदेशक ने विभाग से पंचायत भवनों की रिपोर्ट तलब की है तो जिला पंचायत में पंचायत भवनों के निर्माण संबंधी फाइल ढूंढे ही नहीं मिल रही है।
जनपद में वर्ष 2008-09 में जिला पंचायत को करीब 150 से अधिक पंचायत भवनों के निर्माण के लिए धनराशि भेजी गई। एक पंचायत भवन की लागत 14 लाख से अधिक निर्धारित थी। इन पंचायत भवनों का निर्माण कराकर पंचायती राज विभाग को हस्तांतरित करना था। निर्माण शुरू हुआ तो पैक्सफेड, यूपीपीसीएल व जिला पंचायत के कुछ ठेकेदारों ने काम हथिया लिया। फिर जमकर मनमानी हुई और अधिकांश पंचायत भवनोंं का निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया। इसकी शिकायत वर्ष 2012 में जांच भी बैठी। फिर सत्ता परिवर्तन के साथ जांच ठंडे बस्ते में चली गई। तब से करीब 20 करोड़ से अधिक धनराशि की लागत के यह पंचायत वैसे पड़े हैं।
इसके चलते पंचायत भवनों का हस्तांतरण पंचायती राज विभाग को नहीं हो सका। अब राज्य वित्त व केंद्रीय वित्त आयोग की धनराशि से सभी ग्राम पंचायतों में प्राथमिक के आधार पर पंचायत भवन बनाने के आदेश दिए गए हैं। सर्वे में नए पंचायत भवन निर्माण के लिए कुल 218 ग्राम पंचायतों की सूची बनाई गई है। एक पंचायत भवन की करीब 17.5 लाख रुपये लागत निर्धारित है। निदेशक ने बिना पंचायत भवनों वाली ग्राम पंचायतों की सूची मांगी है। वहीं पंचायत भवनों के कायाकल्प की रिपोर्ट तलब कर की है। यह अधिकारियों के गले की फांस बन गई है। इस पर सीडीओ ने जिला पंचायत से वर्ष 2008-09 में निर्मित पंचायत भवनों की सूची मांगी है। बताया जा रहा है कि फाइल की गहनता से खोजबीन की गई, लेकिन वह फाइल ढूंढे नहीं मिल रही है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार जिला पंचायत के एएमए नरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि पंचायत भवनों के निर्माण के संबंध में फाइल मांगी गई है। फाइल ढूंढी जा रही है। वहीं डीपीआरओ अमित कुमार त्यागी ने बताया कि पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि से 10 वर्ष पूर्व पंचायत भवनों का निर्माण कराया गया था। उनकी जानकारी में पंचायत भवन हस्तांतरण संबंधी कोई फाइल नहीं है। पंचायत भवनों की स्थिति देखने को सर्वे कराया जा रहा है।