नेपाल ने रोका सीमा पर हो रहे नदी तटबन्ध का कार्य,बिहार में बाढ़ का खतरा

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भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल ने उकसाने वाला कदम उठाते हुए सीमा पर बन रहे नदी तटबंध का मरम्मत कार्य रोक दिया है, जिससे बिहार में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार ने सोमवार को कहा, वाल्मीकि नगर में गंडक बैराज के 36 गेट हैं, जिनमें से 18 नेपाल की तरफ हैं। नेपाल ने वहां बैरियर लगा दिए हैं, जो पहले कभी नहीं हुआ। रविवार को बैराज से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। अगर बाढ़ से निपटने वाली सामग्री और हमारे अधिकारी नहीं पहुंचे तो स्थिति बेहद गंभीर हो जाएगी।

जेडीयू नेता ने कहा,  इसी तरह नेपाल ने पूर्वी चंपारण जिले में लालबकेया नदी के तटबंध पर काम रोक दिया है। यह इलाका नो मैंस लैंड हैं और 20 साल से वहां बांध हैं। बिहार सरकार नदी पर तटबंध बनाती है और हर साल मानसून से पहले वहां मरम्मत कार्य किया जाता है। इससे पहले नेपाल की तरफ से कभी आपत्ति नहीं उठाई गई। पिछले साल बिना परेशानी के मरम्मत कार्य किया गया था, लेकिन इस बार वे इसमें अड़ंगा लगा रहे हैं। इसी तरह, मधुबनी के जयनगर में कमला नदी पर भी मरम्मत का काम नहीं करने दिया जा रहा है। हमने इस संबंध में विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है। बिहार की 700 किलोमीटर सीमा नेपाल से लगती है। अगर मानसून से पहले इस मुद्दे को सुलझाया नहीं गया तो बिहार में बाढ़ से बड़ी तबाही मच सकती है।

पहली बार नेपाल इस तरह का व्यवहार कर रहा है

मंत्री ने कहा, यह पहली बार है जब नेपाल की ओर से इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। भारत में बिहार सरकार सारा मरम्मत का कार्य कराती है और इस बार हमें पहली बार उस तरह सामग्री और अधिकारियों को भेजने में मुश्किल आ रही है। जिला मजिस्ट्रेट और स्थानीय इंजीनियर नेपाल प्रशासन से बात कर मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।

असम, बिहार को चेतावनी

इस बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बिहार और असम के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इस बीच केंद्रीय जल आयोग ने उन नदियों की सूची जारी की है, जिनमें जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बिहार में गंडक, बागमती, जबकि असम में दिसांग, धनसिरी, ब्रह्मपुत्र, जिया भराली नदी में जलस्तर बढ़ने की बात कही गई है।

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