मन का हो तो अच्छा, मन का न हो तो ज्यादा अच्छा- अमिताभ बच्चन

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महानायक अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर अक्सर
मोटिवेशनल पोस्ट साझा करते रहते हैं। शुक्रवार को
उन्होंने अपने पिता स्व. कवि डॉ. हरिवंश राय बच्चन की
एक सीख शेयर की है, जो तब उन्हें दी गई थी, जब वे
जिंदगी के एक विचलित मोड़ पर थे। पहले वे उसका
मतलब नहीं समझ पाए थे। लेकिन, जब बाबूजी ने
समझाया तो उन्हें सब समझ आ गया था।

 

अमिताभ ने लिखा- मन का न हो तो ज्यादा अच्छा

अमिताभ ने बाबूजी की सीख को याद करते हुए इंस्टाग्राम

पर लिखा है, “मन का हो तो अच्छा, मन का न हो तो

ज्यादा अच्छा। बाबूजी ने जब मुझे जीवन के एक

विचलित मोड़ पर ये सिखाया तो समझ में नहीं आया। जो

मन का न हो वो ज्यादा अच्छा कैसे हो सकता है? फिर

जब उन्होंने समझाया तो समझ गया। अगर तुम्हारे मन

का नहीं हो रहा तो वो ईश्वर के मन का हो रहा है और

ईश्वर हमेशा तुम्हारा अच्छा ही चाहेगा, इसलिए ज्यादा

अच्छा।”

ट्विटर पर लिखा- जब शोर शांत तो इसे सांस लेने दो

बिग बी ने इंस्टाग्राम पोस्ट के साथ एक फोटो साझा की

है। यह फोटो उन्होंने ट्विटर पर भी शेयर की है। लेकिन

यहां उन्होंने कैप्शन अन्य विचार के रूप में दिया है। वे

लिखते हैं, “श्श्श्श…जब आपके बारे शोर शांत हो तो इसे

चखो, इसे सांस लेने दो और कमरे में जगह दो।”

सुशांत सिंह राजपूत को याद कर हुए थे भावुक

बिग बी ने भावुक होते हुए लिखा था

“क्यो…क्यों…क्यों…क्यों सुशांत सिंह राजपूत? आपने

अपनी जिंदगी खत्म क्यों कर ली? आप शानदार

अभिनेता थे। बिना कुछ कहे, बिना कुछ मांगे हमेशा के

लिए सो गए।”

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