माघी विनायक : तिल कुंड चतुर्थी व विनायक चतुर्थी का महत्व

0
माघी विनायक- शास्त्रों और हिंदी कैलेंडर के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है।
इसे तिल कुंड चतुर्थी व विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है
श्री गणेश उत्सव के दौरान गणपति बप्पा की बड़े ही धूमधाम के पूजा अर्चना की जाती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन भगवान गणेश जी की उपासना बहुत ही लाभकारी होती है
और उनका प्रभाव एक हजार गुना अधिक होता है.
पुराणों में माघ मास की चतुर्थी मोक्ष प्राप्ति के लिए खास मानी जाती है
आज इस वीडियो में हम आपको साल 2020 माघ महीने में आने वाले विनायक चतुर्थी के व्रत तिथि पूजा का शुभ मुहूर्त
और इससे जुडी अन्य जानकारी के बारे में बात करेंगे.
माघी विनायक चतुर्थी मान्यता 2020~
माघ मास में आने वाली श्री गणेश चतुर्थी तिथि के विषय में ऐसी मान्यता है की इस तिथि को भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था।
इसीलिए आज के दिन बप्पा के मंदिरो में उनका जन्मोत्सव मनाया जाता है.
आज के दिन की गयी गणेश जी की उपासना सर्वाधिक लाभकारी होती है.
यूँ तो हर माह में दो बार गणेश चतुर्थी आती है
लेकिन यदि यह चतुर्थी मंगलवार के दिन हो तो इसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है
अंगारकी चतुर्थी के दिन व्रत रखने से विशेष फलों के साथ ही जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है.
Also read : अखिलेश यादव : अपने पैतृक गांव में पहुंच धूमधाम से गणतंत्र दिवस पर 158 फुट ऊंचा तिरंगा फहराया
माघी गणेश जयंती शुभ मुहूर्त 2020~
  1. साल 2020 में माघी विनायक चतुर्थी का व्रत 28 जनवरी के दिन रखा जाएगा|
  2. चतुर्थी तिथि शुरू होगी – 28 जनवरी सुबह 8 बजकर 20 मिनटपर |
  3. चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 29 जनवरी सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर |
गणेश चतुर्थी पूजन विधि 2020~
माघ मास की चतुर्थी तिथि के दिन पूजा के लिए सबसे पहले स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करें
और पूजा स्थल पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
इसके बाद रोजाना की तरह पूरे विधि विधान के साथ पूजा आरम्भ करे.
श्री गणेश मंत्र ऊं गं गणपतये नम: का जाप करते हुए आरती कर ले.
आरती करने के बाद गणेश जी को 11 या 21 लड्डुओं व मोदकों का का भोग लगाएं
और शाम के समय सभी को प्रसाद वितरण कर अन्ना जल ग्रहण करे.
मान्यता है की गणेश जयंती के दिन पूजा में लाल वस्‍त्र, लाल फूल व लाल चंदन का प्रयोग कर व्रत, पूजा व उपाय से सभी संकटों का नाश होता है.
विनायक चतुर्थी का महत्व ~
विनायक चतुर्थी के दिन श्री गणेश की पूजा दिन में दो बार दोपहर और मध्याह्न में करने का विधान है.
मान्यता है कि जो भी व्यक्ति विनायकी चतुर्थी के दिन पूरी श्रद्धा से व्रत व इस दिन गणेश जी की उपासना करता है
तो उसे इस व्रत के प्रभाव से सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता के साथ ज्ञान का वरदान भी प्राप्त होता है
और इसके अलावा चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध होते हैं.
विनायक चतुर्थी उपाय ~
शिव ग्रंथ के अनुसार भगवान गणेश जी का जन्म माघ कृष्ण चतुर्थी को ही माना जाता है
इस दिन गणेश पूजा और उपासना के अधभुद लाभ प्राप्त होते है
इसीलिए माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन
‘ॐ गणेशाय नम:” अथवा ‘ॐ गं गणपतये नम:”
मंत्र का 108 बार जाप अवश्य करना चाहिए
इससे व्यक्ति क्वे  सभी संकट दूर हो जाते है.
माघ का महीना बेहद पवित्र और दान पुण्य के लिए ख़ास होता है
यदि इस माह की चतुर्थी तिथि को अपनी सामर्थ्य अनुसार जरूरतमंदो को कुछ न कुछ दान किया जाय तो कहा जाता है कि आपके द्वारा किये दान पुण्य का कई गुना अधिक सौभाग्य और ऐश्वर्य आपको प्राप्त होता है.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More