अवैध निर्माण (लखनऊ) : नगर निगम की चुप्पी, बनी अवैध पुलिस चौकी सड़क के बीचो-बीच

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जिस पुलिस पर कब्जा, अतिक्रमण रोकने की जिम्मेदारी है,
उसने ही शहर के सबसे भीड़ वाले बाजार अमीनाबाद में बीच चौराहे पर अवैध निर्माण कर एक मंजिला पक्की चौकी बना ली।
वहीं, पुलिस का मामला होने के कारण नगर निगम भी आठ महीने तक चुप बैठा रहा।
बात कैबिनेट मंत्री तक पहुंची तो आनन-फानन चौकी गिराने का नोटिस जारी किया गया।
अमीनाबाद में बीच चौराहे पर करीब 550 वर्गफीट में पक्की चौकी बनाई गई है।
यहां पहले अस्थायी लकड़ी का केबिन था।
अब पुलिस ने चौकी के नाम पर एलआईजी मकान खड़ा कर लिया है।
थानाध्यक्ष को नोटिस जारी करने के साथ इसकी जानकारी डीएम और पुलिस आयुक्त को भी दे दी गई है।
जानकार बताते हैं कि इस चौकी के खिलाफ नगर निगम के कार्रवाई न करने पर व्यापारियों का विरोध शुरू हुआ
और मामला एक कैबिनेट मंत्री के पास पहुंचा।
वहां से मौखिक निर्देश के बाद अब नगर अभियंता जोन-एक की ओर से अमीनाबाद के थानाध्यक्ष को नोटिस जारी किया गया है।
इसमें 15 दिन में अवैध निर्माण हटाने को कहा गया है।

जनता में जा रहा गलत संदेश

नोटिस में बताया गया कि अमीनाबाद में प्रकाश कुल्फी के सामने सड़क के बीचो-बीच बनाए गए डिवाइडर के पास पहले लोहे के फ्रेम में अस्थायी चौकी थी।
कुछ महीने पहले स्थायी चौकी बना दी गई।
निर्माण बंद करने को चौकी प्रभारी से कहा गया तो उन्होंने कहा कि उच्च स्तर से मिले आदेश पर चौकी बनाई जा रही है।
यह भी कहा गया कि सिर्फ एक कमरा बनाया जाना है, लेकिन मौके पर 53.56 वर्गमीटर में निर्माण किया गया है।
इसमें भूतल पर एक कमरा, टॉयलेट, बाथरूम, बाहर की तरफ यूरिनल, सीढ़ी व बरामदा है।
पहली मंजिल पर भी कमरा बनाया गया है।
बीच सड़क पर इस अवैध निर्माण से लोगों को आने-जाने में असुविधा हो रही है।
क्षेत्रीय व्यापारी भी विरोध कर रहे हैं। यह भी कहा गया कि
पुलिस के इस अवैध निर्माण से जनता में गलत संदेश जा रहा है।
ऐसे में अवैध चौकी तत्काल हटाने के लिए चौकी इंचार्ज को निर्देशित करें।

पुलिस का अवैध निर्माण 

अगर शहर में कहीं आम जनता का अवैध निर्माण हो तो नगर निगम का दस्ता पुलिस की मदद से इसे हटाता है।
अब जब पुलिस ने ही ऐसा कर रखा है तो इसे कैसे हटाया जाए, यह नगर निगम के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
इस कारण पहले नोटिस जारी कर कब्जा हटाने को कहा गया है।
खास बात है कि बीच सड़क या सार्वजनिक स्थान पर अवैध कब्जा बिना नोटिस भी जनहित में हटाया जा सकता है।

 Illegal construction

 हाईकोर्ट का आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 23 अक्तूबर 2003 को  निशातगंज रेजीडेंट वेलफेयर सोसाइटी के अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर फैसला दिया था
कि पार्क, फुटपाथ, सड़क और पार्किंग का उपयोग उसी रूप में होगा, जिसके लिए वे बनाए गए हैं।
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इन पर न तो अतिक्रमण किया जाएगा
और न ही व्यावसायिक उपयोग होगा। यदि ऐसा करने की अनुमति दी गई है
तो यह अवैध है।
इससे पहले और बाद में भी हाईकोर्ट सार्वजनिक स्थानों से अवैध कब्जे हटाने के आदेश कई बार दे चुका है।
बीच सड़क पर निर्माण की अनुमति नहीं
मामले पर नगर निगम के जोनल अभियंता महेश चंद्र वर्मा का कहना है कि बीच सड़क पर किसी तरह का कोई निर्माण नहीं किया जा सकता।
इसकी अनुमति भी नहीं दी जा सकती है।
बीच सड़क पर पक्का निर्माण कर चौकी बनाए जाने के मामले में अमीनाबाद के थानाध्यक्ष को नोटिस जारी किया गया है।

जन सहयोग से बनाई गई है चौकी

अमीनाबाद थानाध्यक्ष सुनील कुमार दुबे का कहना है कि चौकी जन सहयोग से बनाई गई है।
नगर निगम का नोटिस मिला है।
उस बारे में उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।
जैसा वहां से निर्देश मिलेगा, उस पर अमल किया जाएगा।

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