अयोध्याः उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
अयोध्या पर सर्वोच्च न्यायालय का शनिवार को फैसला आने की जानकारी के साथ ही प्रदेश में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
डीजीपी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर इसे लेकर सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए।
अयोध्या समेत अन्य संवेदनशील जिलों में अधिकारियों को सुरक्षा संबंधी सारे इंतजाम चौकस रखने को कहा गया है
और सभी जिलों में किसी तरह की अप्रिय घटना न होने देने की ताकीद की गई है।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है।
तैयारियों के तहत अयोध्या के आस-पास भी पर्याप्त संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई है।
इसे रिजर्व फोर्स के तौर पर रखा गया है जिसे आपात दशा में बुलाया जाएगा।
हालात न बिगड़ने देने के लिए सोशल मीडिया पर खास ध्यान रखा जा रहा है।
इसके लिए डीजीपी व अन्य उच्च अधिकारियों ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग कर प्रदेश के जिलों,
रेंज व जोन में तैनात अधिकारियों व जिलों के सोशल मीडिया सेल में तैनात अधिकारियों को सोशल मीडिया पर विशेष निगाह रखने और
सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
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डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि तैयारियों के तहत अब तक पांच सौ से अधिक को गिरफ्तार किया जा चुका है और दस हजार से अधिक को पाबंद किया गया है।
डीजीपी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में आमजन को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर जागरूक रहने को लेकर कार्रवाई करने को कहा।
सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर
उनके सोशल मीडिया एकाउंट को ब्लॉक करने के निर्देश दिए गए।
पिछले पांच सालों में आपत्ति पोस्ट डालने वालों को किया जा रहा चिन्हित
इस कवायद में पिछले 5 वर्षों में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक-भ्रामक पोस्ट करने वालों को चिन्हित कर
उनके संबंध में सूचना एकत्रित कर थानों के रजिस्टर में उनका नाम दर्ज किया जाएगा।
वीडिया कांफ्रेंसिंग में पोस्ट डिलीट होने पर भी साक्ष्य उपलब्ध रखने के लिए सोशल मीडिया पर किए गए
आपत्तिजनक पोस्ट को सुरक्षित रखने की प्रक्रिया की जानकारी दी गई।
डिजिटल वालंटियर रखेंगे निगाह आपत्तिजनक व भ्रामक पोस्ट पर डिजिटल वालंटियर ग्रुप के सदस्य नजर रखेंगे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में व्हाट्सएप ग्रुपों पर किए जाने वाले आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों के साथ ग्रुप एडमिन के विरुद्ध भी विधिक कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए।
जिलों के अधिकारियों से कहा गया कि वे अपने स्तर से इस बात का प्रचार-प्रसार करें कि कोई भी
सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी, भाषण,
तस्वीर, धार्मिक उन्माद, सामाजिक विद्वेष, जातिगत घृणा आदि से संबंघित वीडियो-मैसेज आदि पोस्ट न करें,
न ही इसे लाइक व फॉरवर्ड करें।
भड़काऊ पोस्ट की इस व्हाट्सएप नंबर कर की जा सकती है शिकायत