नृपेंद्र मिश्र को जम्मू-कश्मीर नवगठित केंद्र शासित प्रदेश का उपराज्यपाल किया जा सकता है नियुक्त

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी और विश्वसनीय नौकरशाहों में से एक नृपेंद्र मिश्र द्वारा शुक्रवार को अचानक
प्रधान सचिव पद छोड़ने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश कैडर के 1967 बैच के इस सेवानिवृत्त वरिष्ठ नौकरशाह को
नई नियुक्ति के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी जम्मू-कश्मीर में माहौल संभालने की जिम्मेदारी दे सकते हैं।
इसके लिए नृपेंद्र मिश्र को इस नवगठित केंद्र शासित प्रदेश का उपराज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है।
हालांकि कुछ लोग उन्हें दिल्ली का उपराज्यपाल बनाए जाने का भी अनुमान लगा रहे हैं,
जहां अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों को सत्ता में मौजूद
आम आदमी पार्टी के कारण भाजपा के लिए सबसे कड़ी परीक्षा माना जा रहा है।
यूपी के देवरिया जिले के कसिली गांव निवासी नृपेंद्र मिश्र
प्रधानमंत्री मोदी के पिछले कार्यकाल से ही एनडीए सरकार के सबसे शक्तिशाली नौकरशाहों में शामिल रहे हैं।
पीएम मोदी का 74 वर्षीय नृपेंद्र पर भरोसा इससे समझा जा सकता है
कि उन्हें अपने प्रधान सचिव पद पर नियुक्त करने के लिए पीएम मोदी ने डीओपीटी नियमों में ही बदलाव कर दिया था।
इस बार दोबारा सरकार गठित होने पर नृपेंद्र को फिर से
प्रधान सचिव नियुक्त करने के साथ ही कैबिनेट सचिव का भी दर्जा दिया गया था।
नृपेंद्र की क्षमताओं पर मोदी के भरोसे को देखते हुए ही उन्हें जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाए जाने की संभावना सबसे ज्यादा जताई जा रही है,
जहां सरकार का मकसद किसी भी तरह जनजीवन को सामान्य स्थिति में लाना है।
दरअसल अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद से ही राज्य प्रतिबंधों के साये में है।
केंद्र सरकार का मकसद इस साल के अंत में वहां प्रस्तावित विधानसभा चुनावों को किसी भी तरह शांतिपूर्ण ढंग से अंजाम देने का है।
इससे अनुच्छेद-370 हटने से कश्मीर में अशांति होने का विश्व समुदाय के सामने पाकिस्तान की तरफ से किया जा रहा दावा गलत साबित किया जा सके।
इसके लिए वहां की प्रशासनिक मशीनरी के पेंच कसे जाने की जरूरत है,
जो नृपेंद्र मिश्रा अपने लंबे अनुभव की बदौलत बखूबी अंजाम दे सकते हैं।

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