दिल्ली पुलिस ने इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर ठगी करने वाले बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया, एक महिला समेत दस गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के द्वारका जिला पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह सिंडिकेट लैप्स्ड इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर लोगों को फंसाकर करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा था। पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक महिला टेलीकॉलर भी शामिल है। आरोपियों के पास से 18 मोबाइल फोन, 4 हार्ड ड्राइव, 2 लैपटॉप, एक क्रेटा कार और बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। पुलिस का अनुमान है कि गिरोह ने विभिन्न पीड़ितों से करीब एक करोड़ रुपये की ठगी की है, जबकि संदिग्ध बैंक खातों में 20 लाख रुपये से ज्यादा की रकम फ्रीज कराई गई है।

द्वारका जिले के डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि गिरोह आरबीआई, दिल्ली हाईकोर्ट, आईआरडीए, एनपीसीआई और इंश्योरेंस ओम्बड्समैन के फर्जी लोगो वाली नकली नोटिस भेजकर पीड़ितों का भरोसा जीतता था। ठग इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधि बनकर फोन करते और पुरानी पॉलिसी की परिपक्वता राशि, बोनस या एनओसी के नाम पर पैसे ट्रांसफर करवाते थे। हजारों पॉलिसी होल्डर्स का डेटा उनके पास था, जिसका इस्तेमाल वे ठगी के लिए करते थे।

मामला एनसीआरपी पर दर्ज शिकायतों के विश्लेषण से खुला। एक बैंक खाते में बार-बार ठगी की रकम आने की जानकारी मिली। पुलिस ने बैंक से डिटेल्स लीं और निशांत चौहान को पैसे निकालते रंगे हाथों पकड़ा। उसने पूछताछ में गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम बताए। इसके बाद सेक्टर-6 द्वारका में साहिल बेरी को उसकी क्रेटा कार समेत दबोचा गया। सागरपुर में फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारा गया, जहां किशन कुमार, दमन बख्शी, सुमित गोस्वामी और महिला आरोपी नीरज को पकड़ा गया। बुराड़ी और पांडव नगर से विनय मल्होत्रा और अजय बाजपेई को गिरफ्तार किया गया।

डीसीपी ने बताया कि मुख्य सरगना साहिल बेरी (38 वर्ष, अमृतसर) पुराना अपराधी है। वह पुरानी कारों का सौदा करता है और पहले राजस्थान में 1.6 करोड़ की ठगी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। अजय बाजपेई किराना स्टोर चलाता है, जबकि कुछ आरोपी म्यूल बैंक खाते उपलब्ध कराकर कमीशन लेते थे। महिला आरोपी नीरज अलग-अलग नामों से कॉल करके लोगों को ठगती थी। एक पीड़ित उत्तराखंड के हल्द्वानी का निश्चय जोशी है, जिससे करीब 70 लाख रुपये ठग लिए गए। मामले में आगे की जांच जारी हैं।

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