कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, अगली सुनवाई में ‘मानवता’ पर होगा सवाल

राष्ट्रीय जजमेंट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा आवारा कुत्तों के प्रबंधन संबंधी नियमों पर 7 जनवरी को सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ताओं ने चिंता जताई है कि आवारा कुत्तों को बिना आश्रय के सड़कों से हटाया जा सकता है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिबल द्वारा यह उल्लेख किए जाने के बाद यह टिप्पणी की कि तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए निर्धारित यह मामला रद्द कर दिया गया है। सुनवाई की तारीख पहले तय करने की मांग करते हुए सिबल ने कहा, समस्या यह है कि इस बीच एमसीडी ने कुछ ऐसे नियम बना लिए हैं जो पूरी तरह से विरोधाभासी हैं। उन्होंने आगे कहा कि नगर निगम दिसंबर में इन नियमों को लागू कर सकता है। उन्होंने कहा, वे इसे लागू करेंगे और कुत्तों को हटा देंगे। उनके पास आश्रय नहीं हैं।मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मानवीयता को लेकर सख्त टिप्पणी की। सुनवाई में जब याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के कुछ नियमों के कारण कुत्तों के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है, तो अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई में एक विडियो चलाया जाएगा और पूछा जाएगा कि मानवता आखिर क्या है।इस मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच कर रही थी। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि गुरुवार को इस प्रकरण की सुनवाई के लिए गठित तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ नहीं बैठी। इस पर जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी। कपिल सिब्बल ने कहा कि इस बीच एमसीडी ने कुछ ऐसे नियम बना दिए है जो वैधानिक प्रावधानों के विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण दिसंबर में ही इन नियमों को लागू कर देगा और इसके तहत आवारा कुत्तों को हटाया जाएगा। जब बेंच ने कहा कि वह 7 जनवरी को इन मुद्दों पर विचार करेगी, तो सिब्बल ने आशंका जताई कि तब तक हालात बदल चुके होंगे। इस पर जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि मिस्टर सिब्बल, उन्हें करने दीजिए, हम इस पर विचार करेंगे। इसके बाद सिब्बल ने शुक्रवार को ही मामले की सुनवाई किए जाने का आग्रह किया। इस पर जस्टिस संदीप मेहता ने कहा कि अगली तारीख पर अदालत एक विडियो चलाएगी और पूछा जाएगा कि मानवता क्या है।

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