इंटरस्टेट गांजा तस्करी गैंग का दिल्ली पुलिस ने किया पर्दाफाश, 51.5 किलो गांजा सहित पांच गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट एंटी-नारकोटिक्स सेल ने त्रिपुरा-बिहार-यूपी-दिल्ली रूट के बड़े इंटरस्टेट गांजा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 51 किलो 538 ग्राम गांजा, एक लाख दो हजार से ज्यादा नकदी और गांजा सप्लाई में इस्तेमाल आई-10 कार बरामद की है।

नॉर्थ जिले के डीसीपी राजा बंठिया ने बताया कि एंटी-नारकोटिक्स सेल के प्रभारी एसआई जगबीर खत्री के नेतृत्व में टीम को लगातार इनपुट मिल रहे थे कि नॉर्थ दिल्ली में बड़े पैमाने पर गांजा सप्लाई हो रहा है। 25 नवंबर को बुराड़ी के कमाल विहार में दबिश दी गई, जहां जितेंद्र उर्फ जितू (45) को उसके घर से 6.132 किलो गांजा और 1 लाख 2 हजार 510 रुपये नकद के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह गांजा अनिल, सबिता देवी और राम कुमार से खरीदता था।

26 नवंबर को स्वरूप नगर में सबिता देवी (50) को 1.542 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया गया। उसने बताया कि वह गांजा अपने जेठ अनिल से बनारस से मंगवाती है। तकनीकी निगरानी के बाद 1-2 दिसंबर की रात फरीदाबाद के बदलकल मॉल मेट्रो स्टेशन के पास 25 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद राम कुमार (52, पटना बिहार) और ब्रिजपाल (30, संगम विहार) को 30.431 किलो गांजा और आई-10 कार के साथ दबोच लिया गया। राम कुमार ने बताया कि वह और उसका साथी अरुण रॉय पिछले एक साल से त्रिपुरा से गांजा लाकर दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई करते थे।

इसके बाद 2 दिसंबर को नोएडा से अरुण रॉय (40, वैशाली बिहार) को गिरफ्तार किया गया। उसके निशानदेही पर साईं उपवन सोसाइटी, नोएडा से 13.433 किलो गांजा बरामद हुआ। सभी पांचों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

डीसीपी राजा बंठिया ने बताया कि आरोपियों में जितेंद्र, सबिता और राम कुमार पहले भी एनडीपीएस और आबकारी अधिनियम के मामलों में जेल जा चुके हैं। सभी स्कूल ड्रॉपआउट हैं और आसानी से पैसा कमाने के लिए ड्रग तस्करी में लगे थे। पूरे नेटवर्क को तोड़ने के लिए जांच जारी है और जल्द ही और गिरफ्तारियां होंगी।

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