योगी सरकार में मंत्री का बड़ा दावा, विपक्ष का हो जाएगा सफाया, जानिए कैसे

राष्ट्रीय जजमेंट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासी टकराव बढ़ता जा रहा है। योगी आदित्यनाथ सरकार के पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री और मेरठ जिले के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने शनिवार को एसआईआर प्रक्रिया का जोरदार समर्थन करते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर चल रही एसआईआर मतदाता सूची को शुद्ध करने और लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अनिवार्य है। मंत्री ने दावा किया कि इससे ‘विदेशी घुसपैठियों’ और ‘फर्जी मतदाताओं’ को सूची से बाहर किया जाएगा, जिससे भविष्य में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित होंगे।
विपक्ष पर तीखा हमलामीडिया से बातचीत में धर्मपाल सिंह ने कहा कि विपक्षी दल एसआईआर से डर चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के लोगों ने बड़ी संख्या में फर्जी मतदाता बनवा रखे हैं। एसआईआर शुरू होते ही इन दलों के पेट में दर्द होने लगा है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद फर्जी मतदाता बाहर हो जाएंगे और विपक्ष का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। धर्मपाल सिंह ने यहां तक कहा कि विपक्षी दल भविष्य में कभी चुनाव नहीं जीत पाएंगे। उन्होंने दावा किया कि 2027 में भी भाजपा भारी बहुमत से सत्ता में लौटेगी।
मंत्री ने कहा कि मतदाता सूची का शुद्धिकरण लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती के लिए आवश्यक है और सभी दलों को इसमें सहयोग करना चाहिए।उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की शुचिता बनाए रखने के लिए एसआईआर जरूरी है। इससे गलत तरीके से वोट डालने की प्रवृत्ति खत्म होगी। दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी लगातार एसआईआर का विरोध कर रही है। पार्टी का आरोप है कि एसआईआर प्रक्रिया के नाम पर भारी संख्या में गरीबों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के वोट काटे जा रहे हैं। पार्टी ने एसआईआर की समय सीमा बढ़ाए जाने की मांग की है।सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बीएलओ की मृत्यु के मामलों में सरकार और निर्वाचन आयोग की लापरवाही जिम्मेदार है। बीएलओ को किसी त्रुटि के लिए दोषी ठहराना अन्यायपूर्ण है। मतदाता का सम्मान होना चाहिए, उसे परेशान नहीं किया जाना चाहिए। अखिलेश ने यह भी दावा किया कि भाजपा सरकार वोट का अधिकार खत्म करना चाहती है और उत्तर प्रदेश में करोड़ों लोगों के वोट काटे जाने की आशंका है।
लगातार जारी है एसआईआर प्रक्रियाविशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) निर्वाचन आयोग की वह प्रक्रिया है, जिसमें मतदाता सूची की घर-घर जाकर जांच होती है। इसमें मृत, बाहर जा चुके या फर्जी मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं। नए पात्र मतदाताओं के नाम जोड़े जाते हैं। प्रदेश के हर जिले में मतदाताओं तक इस प्रक्रिया के तहत गणना फॉर्म पहुंचाया गया है। अब भरे हुए फॉर्म को वापस लिया जा रहा है। यूपी चुनाव 2027 से पहले इस प्रक्रिया को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

 

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