ऑपरेशन साइहॉक में दिल्ली पुलिस का धमाका: 381 पकड़े, 1843 मोबाइल-10 लाख नकद जब्त, फर्जी कॉल सेंटर से लेकर ATM स्वैप गैंग तक नेस्तनाबूद

नई दिल्ली: दिल्ली के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा अभियान चलाते हुए ‘ऑपरेशन साइहॉक’ के तहत 381 लोगों को हिरासत में लिया और 95 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। 24 अलग-अलग संगठित साइबर फ्रॉड के केस दर्ज किए गए। पुलिस ने 1843 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप, 84 ATM कार्ड, 10.28 लाख रुपये नकद और ढेर सारी फर्जी बीमा पॉलिसी-मोहरें बरामद कीं। डीसीपी निधिन वलसन के निर्देश पर चले इस मेगा ऑपरेशन में फर्जी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से लेकर फर्जी कॉल सेंटर और ATM स्वैपिंग गैंग तक को ध्वस्त कर दिया गया।

डीसीपी सेंट्रल निधिन वलसन ने बताया कि अभियान में सबसे बड़ा खुलासा एक अवैध मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग और IMEI चेंज करने वाली यूनिट का हुआ। पांच आरोपियों – अशोक कुमार (45), रामनारायण (36), धर्मेंद्र कुमार (35), दीपांशु (25) और दीपक (19) को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से 1826 मोबाइल फोन, IMEI चेंज करने वाला लैपटॉप, WRITEIMEI 2.0 सॉफ्टवेयर, स्कैनिंग डिवाइस और हजारों IMEI स्टिकर-मोबाइल पार्ट्स बरामद हुए। ये लोग फ्रॉड के लिए फोन तैयार कर पूरा नेटवर्क सप्लाई करते थे।

वेस्ट पटेल नगर में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर को भी ध्वस्त किया गया। आरोपी खेमचंद (33) वाहन बीमा रिन्यूअल के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठता था और फर्जी पॉलिसी भेजता था। उसके पास से 2 लैपटॉप, 11 मोबाइल, 10 लाख नकद और कई बीमा कंपनियों की फर्जी मोहरें मिलीं।

करोल बाग के IDFC ATM पर कार्ड स्वैपिंग करने वाले तीन शातिर – आरिफ उर्फ शारिक (27), शहजाद (35) और मोहम्मद जैम (29) को भी दबोचा गया। इनके पास से 81 ATM कार्ड, एक बाइक और एक स्कूटी बरामद हुई। इसी तरह एक अन्य गैंग – सुमित कुमार (30), हेमराज (37) और तनिष्क भारती (20) ने कार्ड स्कैन कर 72 हजार रुपये निकाले और 1.16 लाख के दो फोन खरीदे।

इसके अलावा टेलीग्राम टास्क फ्रॉड, फेसबुक हैकिंग, फर्जी LIC पॉलिसी री-एक्टिवेशन, फर्जी क्रेडिट कार्ड और फेसबुक विज्ञापन घोटालों में भी दर्जनों गिरफ्तारियां हुईं। 73 साल के बुजुर्ग को रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए “एक्सक्लूसिव” क्रेडिट कार्ड के नाम पर 22.86 लाख ठगने वाला किशन (21) भी पकड़ा गया।

डीसीपी निधिन वलसन ने बताया कि यह अभियान पूरे जिले की सभी थाना टीमों ने मिलकर चलाया। मुखबिरों और तकनीकी सर्विलांस की मदद से एक-एक मॉड्यूल को तोड़ा गया। कुल 10.28 लाख रुपये कैश, 1843 मोबाइल और ढेर सारे फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। कई केस में पीड़ितों को उनका पैसा वापस दिलाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

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