क्राइम ब्रांच ने ध्वस्त किया पायरेटेड किताबों का ऑनलाइन साम्राज्य, ‘बुकभंडार’ के मास्टरमाइंड समेत पूरा नेटवर्क चढ़ा पुलिस के हत्थे

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ऑनलाइन पायरेसी के सबसे बड़े और संगठित रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए ‘बुकभंडार.इन’ नाम की वेबसाइट चलाने वाले गिरोह को ध्वस्त कर दिया। देशभर के छात्रों को सस्ते दामों पर पायरेटेड अकादमिक किताबें बेचने वाला यह नेटवर्क दिल्ली के दरियागंज, हौज काजी, पांडव नगर और मयूर विहार से संचालित हो रहा था। पुलिस ने 728 नकली किताबें, एक प्रिंटिंग मशीन, नेगेटिव प्लेट्स और पूरा डिजिटल पेमेंट सिस्टम जब्त कर लिया।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी विक्रम सिंह ने बताया कि नवंबर की शुरुआत में प्रकाशकों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी। तकनीकी निगरानी के बाद टीम ने सबसे पहले मास्टरमाइंड अनमोल किरो (27 वर्ष), निवासी चिल्ला गांव, मयूर विहार फेज-1 को दबोचा। उसके घर से 42 पायरेटेड किताबें बरामद हुईं। पूछताछ में अनमोल ने कबूल किया कि उसने ‘बुकभंडार.इन’ वेबसाइट और इंस्टाग्राम हैंडल बनाकर पूरे देश में नकली किताबें बेचने का धंधा शुरू किया था। पेमेंट के लिए उसने एचडीएफसी बैंक में ‘फिनस्कूल एजुकेशन’ नाम से खाता खो ला था और फोनपे का भी इस्तेमाल कर रहा था। किताबें वह दरियागंज के बाजार से खरीदता था और इंडिया पोस्ट व प्राइवेट कूरियर से देशभर में भेजता था।

अनमोल की निशानदेही पर क्राइम ब्रांच ने दूसरा छापा पांडव नगर के गणेश नगर में मारा, जहां से 18 अलग-अलग टाइटल की 686 पायरेटेड किताबें बरामद हुईं। यहां से सप्लायर सुनील कुमार गुप्ता को हिरासत में लिया गया। आगे की कड़ी में ललन गुप्ता (जिसके अकाउंट में पैसे आते थे), नवेद (मेन सप्लायर), कमरान (हौज काजी में प्रिंटिंग प्रेस मालिक) और हिलाल मोहम्मद (नेगेटिव-प्लेट बनाने वाला) को भी बाउंड डाउन किया गया। पुलिस ने हौज काजी की गली कासिम जान में स्थित कमरान की प्रिंटिंग प्रेस से चेक रिपब्लिक मेड प्रिंटिंग मशीन जब्त की। पास ही फराश खाना क्षेत्र में हिलाल के यहां से तीन नेगेटिव प्लेट्स बरामद की गईं।

डीसीपी विक्रम सिंह ने बताया कि गिरोह का तरीका बेहद शातिराना था। असली जैसी दिखने वाली वेबसाइट, ऑटो जेनरेटेड इनवॉइस, डिजिटल पेमेंट और अलग-अलग यूनिट्स में प्रिंटिंग-प्लेट-सप्लाई का काम बांटकर ये लोग कानून की नजर से बच रहे थे। अब डिजिटल ट्रांजेक्शन और फाइनेंशियल ट्रेल की गहन जांच की जा रही है।

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