यूपी एसटीएफ ने नकली रॉ अधिकारी को नोएडा से किया अरेस्ट, लग्जरी गाड़ियां और फर्जी दस्तावेज बरामद, कहानी हैरान कर देगी

राष्ट्रीय जजमेंट

नोएडा: यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। नोएडा एसटीएफ की टीम ने ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर क्षेत्र से मंगलवार को खुद को रॉ अधिकारी बताने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। इसके पास से काफी फर्जी अभिलेख बरामद हुए हैं। इनमें दो फर्जी आईडी, 20 विभिन्न बैंक के चेक बुक, दिल्ली पुलिस का फर्जी वेरिफिकेशन लेटर, 8 क्रेडिट/डेबिट कार्ड, एक डायरी, 17 विभिन्न नामों के एग्रीमेंट, 5 पैन कार्ड, दो आधार कार्ड, तीन वोटर आईडी कार्ड, दो वोटर आईडी कार्ड, दो कंपनी संबंधित रजिस्ट्रेशन कागजात, आईटीआर के कागजात, बैंक स्टेटमेंट, 3 लैपटॉप, दो टैबलेट आदि बरामद शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी का दिल्ली ब्लास्ट से कोई लेना देना नही है। ये लोगों को बेवकूफ बनाकर फ्रॉड करता था।
नोएडा एसटीएफ यूनिट के एडिशनल एसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि शातिर को ग्रेटर नोएडा से प्राप्त सूचना पर एसटीएफ टीम ने पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसाइटी में छापा मारकर आरोपी को पकड़ लिया। आरोपी कभी खुद को मेजर अमित बता कर और कभी रॉ का वरिष्ठ अधिकारी बनकर विभिन्न सोसायटी में रहता था। उसने एक फर्जी कंपनी भी बनाई थी, जिसके माध्यम से लोगों से गलत तरीके से निवेश कराया जा रहा था। इस कंपनी से जुड़े दस्तावेज भी एसटीएफ ने जब्त किए हैं।आरोपी के पास से भारी मात्रा में नकली आईडी, चेक बुक, फर्जी पुलिस वेरिफिकेशन पत्र, क्रेडिट और डेबिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य कई दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो उसकी शोषण की योजना का हिस्सा थे। उसकी गिरफ्तारी ग्रेटर नोएडा के पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसाइटी से हुई थी, जहां वह रहता था। जांच अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि आरोपी ने एक महिला जज को भी अपने झांसे में लेकर शादी की थी। आरोपी के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
नोएडा एसटीएफ यूनिट के एडिशनल एसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि एसटीएफ की टीम उस फ्लैट पर पहुंची, जहां कथित रॉ अधिकारी रहता था, तो दरवाजा एक महिला ने खोला। इसी दौरान एक व्यक्ति वहां पहुंचा जिसने अपना नाम सुनीत कुमार, पिता स्वर्गीय बृजनंदन शाह बताया। तलाशी के दौरान उसके पर्स में ‘कैबिनेट सेक्रेट्रिएट, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया’ लिखा हुआ एक आई-कार्ड बरामद हुआ, जिस पर वह रॉ अधिकारी के रूप में दर्ज था।
कार्ड पर सुनीत कुमार आईसी 7623 बी, रैंक- जॉइंट सेक्रेटरी और डेजिगनेशन डायरेक्टर (ऑपरेशन), जेआईसी नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल लिखा था। इसके अलावा कार्ड पर सर्विस रिसर्च एंड एनेलसिस सर्विस का भी जिक्र था। कार्ड पर उसकी जन्मतिथि 25 मार्च 1988 लिखी हुई थी। जांच में पता चला कि यह आई-कार्ड फर्जी है और एसटीएफ ने रॉ के संबंधित विभाग से इसकी पुष्टि कराई, जहां यह नाम किसी भी अधिकारी के रजिस्टर में नहीं था। आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है। जांच अधिकारी मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है।
शक होने पर एसटीएफ ने रॉ के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। जब वे मौके पर पहुंचे और जांच की तो पता चला कि इस नाम का कोई भी व्यक्ति उनके विभाग में कार्यरत नहीं है। जो आई कार्ड आरोपी के पास मिला था। वह पूरी तरह से फर्जी निकला। वहीं, जिस फ्लैट में आरोपी रह रहा था। उसकी मकान मालकिन मंजू गुप्ता ने बताया कि उनके यहां किराएदार मेजर अमित कुमार नाम के व्यक्ति रहते हैं। उन्होंने पुलिस वेरिफिकेशन भी मेजर अमित कुमार के नाम से कराया था, जो दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर के लेटर हेड पर था। हालांकि, यह नाम भी असल रॉ अधिकारी से संबंधित नहीं था।
मकान मालकिन मंजू गुप्ता ने बताया कि उन्होंने पुलिस वेरिफिकेशन मेजर अमित कुमार के नाम से दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर के लेटर हेड पर कराया था। मंजू गुप्ता ने एसटीएफ को दिल्ली पुलिस द्वारा किया गया यह वेरिफिकेशन की कॉपी व्हाट्सएप के जरिए भी भेजी। यह बताता है कि वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी की गई थी, लेकिन आरोपी इस नाम से फर्जीवाड़ा कर रहा था।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More