गोला-बारूद पर बंगाल में घमासान, क्यों ली गई राजभवन की तलाशी?

राष्ट्रीय जजमेंट

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राजभवन में हथियारों और गोला-बारूद की तलाशी के लिए सुरक्षा कर्मियों की टीम का नेतृत्व किया। राज्यपाल ने कोलकाता पुलिस, केंद्रीय बलों, बम स्क्वाड और डॉग स्क्वाड के साथ तलाशी की। इसके लिए बोस ने उत्तर बंगाल का दौरा बीच में छोड़ दिया। यह कदम टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के आरोपों के बाद उठाया गया। बनर्जी ने शनिवार को बोस पर राजभवन में भाजपा के अपराधियों को शरण देने और उन्हें बम और बंदूकों से लैस करने का आरोप लगाया था। इसके बाद राज्यपाल बोस ने बयान कड़ी आपत्ति जताई थी।

तलाशी के लिए पूरे राजभवन परिसर को खाली कराया गया। आम लोगों और पत्रकारों को इस अभियान में शामिल होने की अनुमति दी गई। बोस ने बनर्जी के आरोपों पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सांसद की ओर से लगाए गए आरोप बेहद भड़काऊ, विस्फोटक और बेहद गैर-जिम्मेदाराना है। बोस ने कहा कि मैंने राजभवन को सार्वजनिक जांच के लिए खोलने का फैसला किया। सुबह 5 बजे से ही नागरिक समाज के प्रतिनिधि और मीडिया राजभवन का दौरा कर रहे है, ताकि पता लगाया जा सके कि क्या यहां हथियारों और गोला-बारूद का कोई जखीरा है, जैसा कि सांसद ने झूठा दावा किया है। इससे पहले, कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाए थे कि राजभवन में हथियार और गोला-बारूद बांटे जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्यपाल बीजेपी के अपराधियों को पनाह दे रहे हैं। कल्याण बनर्जी ने कहा था, पहले राज्यपाल से कहिए कि उन्हें बीजेपी के सभी अपराधियों को राजभवन में नहीं रखना चाहिए।
राज्यपाल और टीएमसी के बीच कोई पहली बार विवाद नहीं हुआ। ये टकराव लंबे समय से चला आ रहा है। इस बार एसआईआऱ को लेकर टकराव नेक्स्ट लेवल पर पहुंच गया है। राज्यपाल एसआईआऱ का समर्थन कर रहे हैं। जबकि टीएमसी इसके विरोध में खड़ी है। टीएमसी का आरोप है कि ये अदृश्य चुनावी धांधली है। तो वहीं बीजेपी कह रही है कि ममता बनर्जी और उनकी पार्टी घुसपैठियों को बचाने के लिए एसआईआऱ का विरोध कर रही है। राज्य में पिछले 12 दिनों से एसआईआर चल रहा है। वोटर फेरिफिकेशन किया जा रहा है।

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