हमदर्द बनकर विदेश में पढ़ने वालीं लड़कियों का ब्रेनवॉश, कई बार जा चुकी कश्‍मीर, डॉ. शाहीन सिद्दीकी के खुलने लगे राज

राष्ट्रीय जजमेंट

लखनऊ: दिल्‍ली कार ब्‍लास्‍ट के बाद पकड़ी गई लखनऊ की डॉक्‍टर शाहीन सिद्दीकी से जुड़े कई खुलासे हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियों को शुरुआती जांच में पता चला है कि शाहीन हमदर्द बनकर युवाओं का ब्रेनवॉश करती थी। वह मेडिकल छात्रों को बरगलाने के साथ ही इलाज कराने आए मरीजों का भी ब्रेनवॉश करती थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाहीन विदेश में पढ़ाई करने वाली लड़कियों से ऑनलाइन बात करती थी। वह उन्हें जमात उल मोमिनात से जुड़ने के लिए उकसाती थी। वह छात्राओं से ऑनलाइन गाइडेंस के नाम पर संपर्क करती थी। धीरे-धीरे हमदर्दी जताने के बहाने वह उन्हें संदिग्ध गतिविधियों में जोड़ लेती थी। बताया जा रहा है कि शाहीन ने कई बार जम्मू-कश्मीर का दौरा भी किया था। शाहीन का काम आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने का था।
डॉ. शाहीन का आमना-सामना उसके भाई डॉ. परवेज से कराया जाएगा। अभी दोनों से अलग-अलग पूछताछ की गई है। इसके बाद दोनों से एक साथ पूछताछ होगी। इसी मामले में गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल से भी परवेज के कनेक्शन के बारे में जानकारी की जाएगी।
कीपैड फोन से ही करीबियों से बात करता था डॉ. परवेज
बताया जा रहा है कि डॉ. परवेज कीपैड फोन से ही अपने करीबियों से बात करता था। परवेज के आईआईएम रोड के मुत्तकीपुर स्थित तकवा कॉलोनी में घर के बाहर सन्नाटा पसरा रहा। मोहल्ले के लोग भी घरों से बाहर नहीं निकले। दोस्त फारूख ने बताया कि वह अक्सर इलाज के लिए परवेज से सलाह लेते थे। वॉट्सऐप पर समस्या लिखकर भेजने पर परवेज दवाई का नाम लिखकर भेज देता था। परवेज ने वॉट्सऐप पर डिस्प्ले पिक्चर में सीनरी की फोटो लगा रखी है।शाहीन का कारनामा जानकर हैरान हैं मोहल्‍ले वाले
वहीं, कैसरबाग के खंदारी बाजार में रहने वाले पड़ोसियों ने बताया कि परवेज कई साल पहले मोहल्ले में क्रिकेट खेलता था। बाद में उसका यहां आना-जाना कम हो गया। मोहल्ले के लोग परवेज और शाहीन का नाम आतंकी गतिविधियों में आने पर हैरान हैं। कॉलोनी में रहने वाले बुजुर्ग इश्तियाक ने बताया कि डॉ. परवेज आमतौर पर किसी से ज्यादा मेलजोल नहीं रखता था। कभी-कभी मुलाकात होने पर केवल दुआ-सलाम होता था। एक अन्य युवक ने बताया कि डॉ. परवेज मस्जिद में मोबाइल पर कुरान पढ़ता था। इसे लेकर कुछ लोगों से उसका विवाद भी हुआ था, जिसके बाद वह कुछ समय तक मस्जिद नहीं आया। खंदारी बाजार में परवेज और शाहीन के पिता और बड़े भाई रहते हैं।

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