क्या अयोध्या दहलाना चाहते थे “टेरर डॉक्टर्स”? दिल्ली ब्लास्ट से 2 महीने पहले डॉ. शाहीन गई थी राम नगरी

राष्ट्रीय जजमेंट

लखनऊ: “टेरर डॉक्टर्स” डॉ. शाहीन और उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी की गिरफ्तारी के बाद अब उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने दोनों के लखनऊ स्थित घर को खंगालना शुरू कर दिया है. दोनों के घरों पर पहुंचीं अलग-अलग टीमों को महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं. ATS ने लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में भी पड़ताल की, वहां के स्टाफ से डॉ. परवेज के बारे में जानकारी हासिल की.डॉ. शाहीन और डॉ. आदिल से पूछताछ के लिए श्रीनगर जाएगी यूपी एटीएस: इस बीच एटीएस की 2 टीमें श्रीनगर भी जाएंगी. दोनों टीमें वहां अलग-अलग डॉ. शाहीन और डॉ. आदिल से पूछताछ करेंगी. डॉ. आदिल भी “टेरर डॉक्टर्स” का हिस्सा माना जा रहा है और उसे सहारनपुर से दिल्ली ब्लास्ट के पहले गिरफ्तार किया गया था. उनसे फरीदाबाद माड्यूल से जुड़े सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाएगी.यूपी एटीएस 3 दिन श्रीनगर में रहेगी: एटीएस सहारनपुर की टीम कानपुर में पकड़े गए डॉ. आरिफ मीर से भी पूछताछ कर संगठन की कुंडली खंगालेगी. एटीएस ने लखनऊ और कानपुर में दबिश के दौरान जो जानकारियां हासिल की हैं. उनका मिलान करने के लिए 3 दिन तक श्रीनगर और फरीदाबाद में डेरा डालेगी. टीम इस बात की जानकारी हासिल करेगी कि डॉ. शाहीन और डॉ. आदिल का लखनऊ में किन-किन लोगों से सम्पर्क था. उधर, श्रीनगर पुलिस ने यूपी पुलिस से प्रदेश की जेलों में बंद जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों और विभिन्न जिलों में उनके मददगारों का ब्योरा मांगा है.डॉक्टर्स मॉड्यूल के कई राज जानता है कानपुर से उठाया गया डॉ. आरिफ मीर: एटीएस के मुताबिक कानपुर में पकड़े गए डॉ. आरिफ मीर को डॉक्टरों के इस माडयूल के बारे में कई राज पता हैं. वह इनके सीधे सम्पर्क में था. एजेंसियां इसकी पुष्टि कर रही हैं कि देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता थी या नहीं. हापुड़ से पकड़े गए डॉ. फारूख अहमद को भी हिरासत में लिया गया था. एटीएस उससे पूछताछ कर पूरे डॉक्टर माड्यूल और सम्पर्क सूत्रों का पता लगाएगी.डॉक्टर मॉड्यूल के 6 सदस्य अब तक पकड़े जा चुके: दिल्ली और यूपी एटीएस के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉक्टर मॉड्यूल से जुड़े 6 डॉक्टरों को अब तक हिरासत में लिया है. इनमें डॉ. आदिल, डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन, डॉ. परवेज, डॉ. आरिफ मीर और डॉ. फारुख अहमद शामिल हैं. कई अन्य डॉक्टर भी रडार पर हैं.
दिल्ली ब्लास्ट में लखनऊ के डॉक्टर भाई-बहन का नाम जुड़ा: दिल्ली लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास बम धमाका मामले में लखनऊ के भाई-बहन का नाम सीधे जुड़ा. एटीएस ने डॉ. शाहीन के पूर्व कॉलेज लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज से उसके सभी शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच की. एटीएस प्रदेश के उन सभी स्थानों व संस्थानों की जांच कर रही है. जहां डॉ. शाहीन शाहिद ने काम किया है या रहीं हैं.डॉ. शाहीन के स्कूल में भी एटीएस ने की पड़ताल: एटीएस के एक अधिकारी के मुताबिक लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज डॉ. शाहीन के पैतृक निवास कैसरबाग खंदारी बाजार से महज आधा किमी की दूरी पर ही है. एटीएस ने वहां डॉ. शाहीन के शैक्षणिक रिकॉर्ड को खंगाला. एटीएस ने कुछ पुरानी शिक्षिकाओं से शाहीन के बारे में पूछाताछ की. डॉ. शाहीन ने लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज से 1995 में इंटर पास किया था.डॉ. शाहीन का डेढ़ साल से परिवार से कोई संपर्क नहीं: प्रिंसिपल एन श्रीवास्तव ने बताया कि उसकी पुरानी मार्कशीट देखी तो यह पता चला कि वह पढ़ाई में तेज थी. शाहीन के आतंकवादी गुट से संबंध सामने आने पर स्कूल का नाम खराब हो रहा है. जांच में सामने आया कि पिछले करीब डेढ़ साल से डॉ. शाहीन ने परिवार से संपर्क खत्म कर लिया था.
डॉ. शाहीन 10वीं-12वीं में रही स्कूल टॉपर: डॉ. शाहीन लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज से 10वीं और 12वीं की परीक्षा में टॉप किया था. इसके बाद प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई की थी. उसने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति पाई थी.
3 साल से डॉ. मुजम्मिल के साथ थी डॉ. शाहीन: जांच में सामने आया कि डॉ. शाहीन के नाम पर पंजीकृत कार से एक रूसी असॉल्ट राइफल और कारतूस बरामद हुआ था. इसका प्रयोग डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई ने किया था. डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई को हरियाणा के फरीदाबाद से पकड़ा गया. बाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. डॉ. शाहीन 3 साल से डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई के साथ रह रही थी. एटीएस की जांच में सामने आया है कि डॉ. शाहीन को भारत में जैश-ए-मोहम्मद के महिला संगठन जमात-उल-मोमिनीन की कमान सौंपी गई थी.
दिल्ली ब्लास्ट से 60 दिन पहले लखनऊ आई थी डॉ. शाहीन: एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक, डॉ. शाहीन सिद्दकी दो माह (60 दिन) पहले लखनऊ आई थी. वह कहां रुकी और किन लोगों से मिली, इस बारे में जानकारी की जा रही है. उसके लखनऊ आने की जानकारी जम्मू-कश्मीर पुलिस को दी गई है.डॉ. शाहीन के पड़ोसियों से पूछताछ: एटीएस डॉ. शाहीन और डॉ. परवेज के पड़ोसियों से पूछताछ कर रही है. एटीएस ने परवेज को जमीन बेचने वाले मड़ियांव निवासी इश्तियाक से भी पूछताछ की. इसके अलावा जमीन की रजिस्ट्री होने के दौरान गवाही देने वाले फैजान नामक युवक को भी एटीएस मुख्यालय बुलाकर पूछताछ की गई है.
जमात-ए-इस्लामी के यूपी कनेक्शन को खंगाल रही एटीएस: एटीएस को दूसरे गवाह की भी तलाश है, जिसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. इसके अलावा एटीएस जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के यूपी कनेक्शन को भी खंगाल रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि इस संगठन से जुड़े कौन से लोग यूपी में आते रहते हैं और कहां ठहरते हैं.संयुक्त अरब अमीरात में 2 साल रही थी डॉ. शाहीन: सुरक्षा एजेंसियों ने डॉ. शाहीन शाहिद के पासपोर्ट की जांच की. सामने आया कि डॉ. शाहीन शाहिद दो साल तक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रह चुकी है. इस दौरान वह कई लोगों के संपर्क में थी. एजेंसियों को संदेह है कि वहां पर डॉ. शाहीन को जैश की महिला विंग विंग-जमात उल मोमिनात को तैयार करने की ट्रेनिंग दी गई. शाहीन ने वर्ष 2016 से 2018 के बीच यूएई में रहकर नौकरी की थी.दिल्ली ब्लास्ट से पहले क्या अयोध्या गई थी डॉ. शाहीन: आतंकी गतिविधियों में गिरफ्तार की गई डॉ. शाहीन ने पिछले 10 साल में किन-किन शहरों का दौरा किया था, इसकी जांच की जा रही है. लखनऊ में 2 माह रहने की बात सामने आने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं. जांच एजेंसियां डॉ. शाहीन के अयोध्या दौरे की दिशा में भी छानबीन कर रही हैं. शाहीन के पूर्व पति डॉ. जफर हयात ने कहा था कि वह अक्सर यूरोप में बसने की बात कहती थी. डॉ. जफर ने शाहीन के विदेश जाने की बात बताई थी.डॉ. मुजम्मिल का मिला तुर्किए कनेक्शन: खुफिया एजेंसियां को शाहीन के विदेशी दौरों की जांच में उसके करीबी दोस्त डॉ. मुज्जमिल का तुर्किए कनेक्शन भी मिला है. इसके बाद से शाहीन के कई देशों की यात्रा जांच के घेरे में है. सूत्रों के अनुसार विदेश दौरे पर शाहीन की मुलाकात आतंकी संगठनों से हुई थी. विदेश में ही शाहीन को आतंकियों को ठहरने व उनकी जरूरतों को पूरा करने का काम दिया गया था.इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर था परवेज: एटीएस, एनआईए और जम्मू कश्मीर की संयुक्त टीम ने लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में पहुंचकर डॉ. परवेज अंसारी के बारे में जानकारी की. डॉ. परवेज यहां पर सीनियर रेजीडेंट के रूप में काम कर रहा था. टीम ने परवेज के कंप्यूटर और स्टाफ से पूछताछ की. करीब 2 घंटे तक टीम विश्वविद्यालय में छानबीन करती रही.सूत्रों के अनुसार टीम ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से डॉ. परवेज अंसारी से संबंधित सभी विस्तृत जानकारी मांगी है. एटीएस ने विश्वविद्यालय में डॉ. परवेज की नियुक्ति, शैक्षिक गतिविधियों और संभावित संपर्कों से जुड़ी फाइल की पड़ताल की है.डॉ. परवेज ने साल 2021 में सीनियर रेजिडेंट पद पर किया था ज्वाइन: डॉ. परवेज अंसारी ने साल 2021 में इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में ज्वाइन किया था. उसने इस विभाग में सीनियर रेजिडेंट के तौर पर अपनी सेवाएं शुरू की थीं. इसके बाद वह इसी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर भी बन गया था.दिल्ली ब्लास्ट से एक सप्ताह पहले डॉ. परवेज ने दिया था इस्तीफा: दिल्ली बम ब्लास्ट से एक हफ्ते पहले डॉ. परवेज ने इस्तीफा दे दिया था. अपने इस्तीफा के पीछे उसने कोई वाजिब कारण नहीं बताया था. विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार वह किसी दूसरे मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ज्वाइन करने वाला था. इसी के चलते उसने इस्तीफा दिया था.

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