यूपी में योगी सरकार का ‘ऊपरी कमाई’ पर बड़ा एक्शन, इस विभाग में 4 अफसर बर्खास्त, 3 रिटायर अफसरों की पेंशन से रिकवरी

राष्ट्रीय जजमेंट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा एक्शन देखने को मिला है. इस बार यह एक्शन समाज कल्याण विभाग में देखने को मिला है. योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से अब समाज कल्याण विभाग के सात अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. चार अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि सेवानिवृत हुए तीन अधिकारियों की पेंशन से कटौती के आदेश दिए गए हैं. इस संबंंध में समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

लंबे समय से चल रही थी जांच: समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि विभाग के सात अधिकारियों पर कड़ा एक्शन लिया गया है. इन सभी के खिलाफ लंबे समय से लंबित चल रहे मामलों में जांच चल रही थी. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. इस कार्रवाई में समाज कल्याण विभाग के चार अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है जबकि तीन अधिकारियों की सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन से कटौती के आदेश दिए गए हैं.

इन अफसरों के खिलाफ हुए आदेश: समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि श्रावस्ती के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव को बर्खास्त किया गया है. मथुरा के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. करुणेश त्रिपाठी से 19.25 करोड़ रुपए की रिकवरी के आदेश जारी किए गए हैं. हापुड़ के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी संजय कुमार व्यास को भी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. उनसे 3.3 करोड रुपए रिकवरी के आदेश दिए गए हैं. शाहजहांपुर के तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार भी सेवा से बर्खास्त कर दिए गए हैं. उनसे 2.52 करोड रुपए के रिकवरी के आदेश जारी हुए हैं.

पेंशन से भी वसूली के आदेश: मंत्री ने बताया कि सेवानिवृत्त तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी औरैया के श्री भगवान की पेंशन से 10 फीसदी कटौती का आदेश जारी किया गया है. मथुरा से सेवानिवृत्त तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी विनोद शंकर तिवारी से 1.96 करोड रुपए की रिकवरी का आदेश हुआ है. सेवानिवृत्त तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी उमाशंकर शर्मा की पेंशन से 50% की कटौती का आदेश जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति समेत विभिन्न मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप की जांच रिपोर्ट आने के बाद की गई है.

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