फेक आईडी से महिलाओं को फंसाकर निजी फोटो से करता था उगाही, दिल्ली पुलिस की साइबर टीम ने दबोचा

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की वेस्ट डिस्ट्रिक्ट साइबर थाना पुलिस ने ने एक खतरनाक साइबर अपराधी को गिरफ्तार कर महिलाओं को ठगने और ब्लैकमेल करने के मामले का पर्दाफाश किया है। आरोपी पहले सोशल मीडिया पर महिला बनकर दोस्ती करता था, फिर निजी फोटो-वीडियो हासिल कर पैसे ऐंठता था। पुलिस ने उसके पास से सबूतों से भरा मोबाइल फोन बरामद किया है।

वेस्ट जिले के डीसीपी दाराडे शरद भास्कर ने बताया कि 21 सितंबर को साइबर थाने में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि व्हाट्सएप और फेसबुक पर फेक आईडी से कोई व्यक्ति महिला बनकर उससे दोस्ती करता था। बातों में विश्वास जमाकर निजी फोटो और वीडियो मंगवाए, फिर उन्हें वायरल करने की धमकी देकर पैसे मांगने लगा। पैसे देने के बावजूद ब्लैकमेलिंग नहीं रुकी। पुलिस ने बीएनएस की धारा 308(2)/351(4) के तहत एफआईआर नंबर दर्ज की और जांच शुरू की।

इंस्पेक्टर विकास बुलदाक (एसएचओ साइबर वेस्ट) के नेतृत्व में एसआई विकास राठी, एचसी जगदीश और एचसी दीपाक की टीम गठित की गई। एसीपी ऑपरेशंस विजय सिंह की निगरानी में टीम ने यूपीआई ट्रेल, गूगल/जीपे रिस्पॉन्स, सब्सक्राइबर डिटेल्स और आईपी लॉग्स का विश्लेषण किया। इससे आरोपी की पहचान लखनऊ (यूपी) निवासी मनोज वर्मा पुत्र इंदर बहादुर वर्मा के रूप में हुई।

लखनऊ पुलिस के सहयोग से छापेमारी की गई और मनोज को धर दबोचा। पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसके मोबाइल में व्हाट्सएप चैट, अश्लील वीडियो और फेक फेसबुक अकाउंट्स मिले। आरोपी का तरीका बेहद शातिराना था। वह फेक महिला प्रोफाइल बनाकर महिलाओं से दोस्ती करता, निजी कंटेंट हासिल कर ब्लैकमेलिंग शुरू कर देता। पीड़िताओं की फोटो से फेक अकाउंट बनाकर और दबाव डालता था। इससे वह पैसे ऐंठता और रिश्तेदारों में वायरल करने की धमकी देता।

पुलिस ने आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन बरामद किया, जिसमें अपराध के सारे सबूत मौजूद हैं। डीसीपी दाराडे शरद भास्कर ने बताया कि साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी। महिलाओं से अपील की गई है कि सोशल मीडिया पर अजनबियों से सावधान रहें और कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें। जांच में अन्य मोबाइल नंबर और अकाउंट्स की पड़ताल की जा रही है, ताकि आरोपी के नेटवर्क का पता लगाया जा सके।

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