रोहिणी में दिनदहाड़े हुई ज्वैलरी दुकान पर डकैती में तीन लुटेरे गिरफ्तार, चचेरा भाई निकला मास्टरमाइंड

नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी में दिनदहाड़े हुई सनसनीखेज डकैती के मामले में समयपुर बादली पुलिस ने 24 घंटे के भीतर तीन लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया है। इस डकैती का मास्टरमाइंड पीड़ित ज्वैलर का चचेरा भाई विशाल वर्मा निकला, जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर सुनियोजित साजिश के तहत इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपियों के पास से 10 सोने की चेन, दस हजार रुपये नकद और एक मोबाइल फोन बरामद किया है, जिसकी कुल कीमत करीब 15 लाख रुपये आंकी गई है।

बाहरी उत्तरी जिले के डीसीपी हरीश्वर स्वामी ने बताया कि 4 अक्टूबर को दोपहर करीब 1:30 बजे, रोहिणी के सेक्टर-18 मार्केट में सोनी ज्वैलर्स के मालिक अनिल कुमार (45) अपनी दुकान पर मौजूद थे। तभी उनके चचेरे भाई विशाल वर्मा (26) अपने एक साथी के साथ दुकान पर पहुंचा। विशाल ने अपने दोस्त के लिए सोने की चेन खरीदने की बात कही। अनिल ने 10-11 सोने की चेन वाली ट्रे काउंटर पर रखी। कुछ देर बाद विशाल मोबाइल पर बात करते हुए बाहर चला गया। तभी उसके साथी ने अनिल की आंखों में मिर्ची स्प्रे छिड़क दिया और चेन की ट्रे लेकर फरार हो गया। इस घटना के आधार पर समयपुर बादली थाने में एफआईआर दर्ज की गई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी निगरानी और स्थानीय सूत्रों की मदद से भागने वाली कार का पता लगाया और तीनों आरोपियों को धर दबोचा। आरोपियों की पहचान बहादुरगढ़ निवासी विशाल वर्मा (26), काकरौला निवासी मनीष वर्मा (18) और सुमित दबास उर्फ सोनू (33) के रूप में हुई हैं। विशाल और सुमित से 5-5 सोने की चेन, दस हजार रुपये नकद और एक मोबाइल फोन बरामद किया है।

डीसीपी ने बताया कि जांच में पता चला कि विशाल और सुमित की मुलाकात दिसंबर 2024 में तिहाड़ जेल में हुई थी। विशाल पोक्सो और सुमित हत्या के मामले में जेल में थे। जनवरी 2025 में विशाल जेल से बाहर आया और हाल ही में उसकी शादी हुई थी, लेकिन वैवाहिक समस्याओं से जूझ रहा था। सुमित को हाल ही में अंतरिम जमानत मिली थी। दोनों को वकीलों और कोर्ट के खर्चों के लिए पैसे की जरूरत थी। 1 अक्टूबर 2025 को रामलीला मैदान के पास मुलाकात के दौरान विशाल ने अपने चचेरे भाई की ज्वैलरी दुकान के बारे में बताया और विशाल, सुमित, मनीष और धर्मेंद्र उर्फ अमित ने डकैती की साजिश रची। उन्होंने उत्तम नगर से किराए की कैब ली और 4 अक्टूबर को वारदात को अंजाम दिया। लूटी गई चेन में से एक को विशाल और मनीष ने गुरुग्राम में बेच दिया, जिससे मिले पैसों से विशाल ने मोबाइल खरीदा, मनीष के खाते में 50 हजार रुपये और अपनी पत्नी के खाते में 30 हजार रुपये ट्रांसफर किए।

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