नशे में खोया मोबाइल, पत्नी से बचने को रची छिनैती की कहानी, पुलिस ने खोला राज

नई दिल्ली: दिल्ली के नांगलोई थाना पुलिस ने एक फर्जी छिनैती की कहानी का पर्दाफाश कर साबित किया है कि सतर्क जांच से न केवल सच सामने आता है, बल्कि पुलिस संसाधनों की बर्बादी भी रोकी जा सकती है। यह मामला एक शख्स, अशोक कौशिक, का है, जिसने नशे में अपना मोबाइल खोने के बाद पत्नी की डांट से बचने के लिए छिनैती की झूठी कहानी गढ़ी थी।

डीसीपी आउटर डिस्ट्रिक्ट सचिन शर्मा ने बताया कि 31 अगस्त को नांगलोई थाने में एक पीसीआर कॉल के जरिए राजेंद्र पार्क एक्सटेंशन, अग्रवाल टेंट हाउस के पास मोबाइल छिनैती की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस को अशोक कौशिक मिला, जिसने दावा किया कि रात 8 बजे वह अपनी स्कूटी से सामान लेने जा रहा था, तभी एक अज्ञात लड़के ने उसका मोबाइल छीन लिया और काले रंग की स्प्लेंडर मोटरसाइकिल पर भाग गया। अशोक उस समय नशे में था। उसकी शिकायत पर नांगलोई थाने में एफआईआर दर्ज की गई।

डीसीपी सचिन शर्मा के निर्देश पर इंस्पेक्टर पवन तोमर और एसीपी नरेश कुमार सोलंकी की देखरेख में एक विशेष टीम बनाई गई। टीम ने घटनास्थल के आसपास लगे कई सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की, लेकिन छिनैती की कोई घटना नहीं मिली। एक फुटेज में एक व्यक्ति पास की गली में भागता दिखा, जिसे बाद में पकड़कर पूछताछ की गई। उसकी पहचान साबर सिंह के रूप में हुई। साबर ने बताया कि अशोक ने नशे की हालत में उससे मोबाइल मांगने की कोशिश की थी, लेकिन उसने इनकार कर दिया, जिसके बाद दोनों में मामूली कहासुनी हुई और वह वहां से चला गया।

पुलिस ने जब अशोक से दोबारा पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। उसने स्वीकार किया कि 31 अगस्त को वह भारी नशे में था और घर लौटते समय उसका मोबाइल कहीं खो गया। पत्नी की डांट से बचने के लिए उसने छिनैती की झूठी कहानी बनाई, जिसके आधार पर उसकी पत्नी ने पीसीआर कॉल की थी। अशोक का बयान तीस हजारी कोर्ट में धारा 183 बीएनएसएस के तहत दर्ज किया गया, जिसमें उसने स्पष्ट रूप से माना कि कोई छिनैती नहीं हुई थी और उसने नशे में मोबाइल खो दिया था।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More