पूर्व लिव-इन पार्टनर को डराने के लिए किया बच्चे का अपहरण पूरा गैंग धराया, बच्चा सकुशल बरामद

नई दिल्ली: दिल्ली के विकासपुरी थाना पुलिस ने एक सनसनीखेज अपहरण के मामले को चंद दिनों में सुलझाकर 7 साल के बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। इस कार्रवाई में चार अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और एक देसी पिस्तौल बरामद की गई। मुख्य आरोपी अजय वर्मा ने अपनी पूर्व लिव-इन पार्टनर को डराने के लिए बच्चे का अपहरण किया था।

वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी दराड़े शरद भास्कर ने बताया कि 28 सितंबर को एक महिला ने विकासपुरी थाने में शिकायत दर्ज की कि उसका 7 साल का बेटा 27 सितंबर को स्कूल जाने के बाद घर नहीं लौटा। उसने आशंका जताई कि उसके पूर्व लिव-इन पार्टनर अजय वर्मा ने बच्चे का अपहरण किया है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और मामला दर्ज कर जांच शुरु की गई।

इंस्पेक्टर राजवीर सिंह और एसीपी डॉ. गरिमा तिवारी की निगरानी में इंस्पेक्टर दीपक दहिया की अगुआई में एक विशेष टीम बनाई गई। टीम ने स्कूल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें दिखा कि अजय वर्मा और उसका साथी मोटरसाइकिल पर बच्चे को अगवा कर फरार हो गए। मुख्य आरोपी का मोबाइल फोन बार-बार बंद होने के बावजूद पुलिस ने उन्नत तकनीकी निगरानी और सोशल मीडिया ट्रैकिंग के जरिए उसकी गतिविधियों का पता लगाया।

सूचना मिली कि अजय वर्मा ने अपने दोस्त अजय से इंस्टाग्राम के जरिए पिस्तौल की व्यवस्था की थी। पुलिस ने अजय को दिल्ली में पकड़ा और उसकी निशानदेही पर एक देसी पिस्तौल बरामद की। इस बीच, मुख्य आरोपी अजय वर्मा की लोकेशन हरियाणा के हांसी जिले में एक फार्महाउस पर मिली। तीन दिन से हांसी में डटी पुलिस की एक टीम ने फार्महाउस पर छापा मारा। वहां अजय वर्मा, बच्चा और उसके दो साथी अमित और सचिन मिले। बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस पूछताछ में अजय वर्मा ने बताया कि वह शिकायतकर्ता के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में था, लेकिन उसका शक्की और हिंसक स्वभाव था। वह महिला पर शक करता और मारपीट करता था। तंग आकर महिला ने उसे छोड़कर अपने मायके में शरण ली। अजय उसे वापस हांसी लाने के लिए दबाव बना रहा था। जब वह नहीं मानी, तो उसने अपने साथियों के साथ मिलकर बच्चे का अपहरण कर लिया और धमकी भरे मैसेज भेजे कि अगर वह वापस नहीं आई तो बच्चे को छोड़ा नहीं जाएगा। पुलिस को आशंका थी कि वह बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता था।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More