दिल्ली पुलिस के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में तीन मामलों में चार गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट इकाई ने तीन अलग-अलग ऑपरेशनों में शानदार प्रदर्शन करते हुए एक ऑटो चोर, हत्या के प्रयास के दो भगोड़े और एक कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार किया। इन कार्रवाइयों में चोरी की स्कूटी, तकनीकी निगरानी और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर अपराधियों को पकड़ा गया। सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी निधिन वल्सन ने इन सफलताओं को पुलिस की सतर्कता और समर्पण का परिणाम बताया।

आई.पी. एस्टेट में रात की गश्त में ऑटो चोर पकड़ा गया

11-12 सितंबर की रात, आई.पी. एस्टेट थाने की गश्ती टीम ने दिल्ली सचिवालय के पास विकास मार्ग पर एक संदिग्ध स्कूटी सवार को देखा। स्कूटी की पीछे की नंबर प्लेट गायब थी, जिसके बाद एसआई अमित यादव और कांस्टेबल विजय ने सवार को रोककर पूछताछ की। सवार, अरहम खान (18), कोई दस्तावेज नहीं दिखा सका। जांच में पता चला कि स्कूटी कमला मार्केट से चोरी की गई थी। अरहम को मौके पर गिरफ्तार कर स्कूटी बरामद की गई। पूछताछ में उसने बताया कि उसने रमलीला मैदान से स्कूटी चुराई थी और वह मौज-मस्ती के लिए इसका इस्तेमाल करता था।

 राजिंदर नगर में हत्या के प्रयास के दो भगोड़े गिरफ्तार

13 अगस्त को राजिंदर नगर थाने में एक जिम मालिक की शिकायत पर हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में मुख्य आरोपी विकास सोलंकी और राहुल उर्फ पंकज चौधरी पहले ही पकड़े जा चुके थे, लेकिन दो अन्य आरोपी, राहुल सविता (28) और आकाश लूथरा (25), फरार थे। इंस्पेक्टर राजिंदर सिंह की अगुवाई में गठित टीम ने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी निगरानी और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर 16 सितंबर को राहुल को अशोक विहार और आकाश को खमपुर, पटेल नगर से गिरफ्तार किया। दोनों जिम इंस्ट्रक्टर हैं और पूछताछ में उन्होंने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार की।

आनंद पर्वत में 24 घंटे में NBW का पालन, कुख्यात अपराधी धराया

15 सितंबर को तीस हजारी कोर्ट ने हिमांशु उर्फ लंगड़ा (29) के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया था, जो 2020 के हत्या के प्रयास के एक मामले में फरार था। हेड कांस्टेबल कैलाश ने गुप्त सूचना के आधार पर 16 सितंबर को न्यू रोहतक रोड, थान सिंह नगर से हिमांशु को पकड़ा। वह पुलिस को देखकर भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन सतर्कता से उसे धर दबोचा गया। पूछताछ में उसने बताया कि वह नशे की लत के कारण कोर्ट में पेशी से बच रहा था। हिमांशु चार अन्य आपराधिक मामलों में भी शामिल रहा है।

डीसीपी निधिन वल्सन ने कहा, “ये कार्रवाइयां हमारी टीम की त्वरित कार्रवाई, तकनीकी निगरानी और स्थानीय खुफिया जानकारी के समन्वय का परिणाम हैं। हमारा लक्ष्य है कि कोई भी अपराधी कानून की पकड़ से बच न पाए।” इन ऑपरेशनों में एसआई अमित यादव,कांस्टेबल विजय, इंस्पेक्टर सनी कुमार, एसआई गौरव, हेड कांस्टेबल सुभाष, कांस्टेबल प्रकाश और हेड कांस्टेबल कैलाश जैसे पुलिसकर्मियों का योगदान रहा।

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