आनंद विहार में हुई दिनदहाड़े 14 लाख की डकैती का खुलासा: क्राइम ब्रांच ने राशिद गैंग के तीन सदस्य दबोचे, अलीगढ़ में थी अगली साजिश

नई दिल्ली: दिल्ली के आनंद विहार इलाके में दिनदहाड़े हुई 14 लाख रुपये की सनसनीखेज डकैती के मामले में दिल्ली पुलिस की एआरएससी क्राइम ब्रांच ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम ने गहन जांच और तकनीकी निगरानी के जरिए इस डकैती को अंजाम देने वाली खूंखार गैंग के तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान दीपक शर्मा, मोमिन और आमिर सुहैल के रूप में हुई हैं। इनके कब्जे से दो देसी पिस्तौल, एक बरेटा पिस्तौल, 17 जिंदा कारतूस और डकैती में इस्तेमाल की गई अल्टो कार बरामद की गई। गैंग का सरगना राशिद और उसके अन्य साथी राहुल, समीर उर्फ गांजा और तौसीफ अभी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीमें उत्तर प्रदेश और दिल्ली में छापेमारी कर रही हैं।

बीती 31 अगस्त को आनंद विहार के ऋषभ विहार सोसाइटी में एक पान मसाला डीलर के गोदाम में पांच हथियारबंद बदमाशों ने दिनदहाड़े धावा बोला। हथियारों के बल पर बदमाशों ने गोदाम से 14 लाख रुपये की नकदी लूट ली और फरार हो गए। इस सनसनीखेज वारदात के बाद आनंद विहार थाने में बीएनएस की धारा 3(5)/309(4)/311/3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया। डकैती की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई।

डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया कि एसीपी संजय कुमार नागपाल की निगरानी और इंस्पेक्टर अरुण सिंधु के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम ने तुरंत जांच शुरू की। टीम में एसआई अमित चौधरी, एसआई मनोज कुमार, एसआई सुनील, एसआई चंद्र प्रकाश, एएसआई गौरव त्यागी, एएसआई शशिकांत, एएसआई रविंदर मलिक, एएसआई रविंदर सिंह, एचसी जितेंद्र, एचसी मनोज, एचसी सचिन बलियान, एचसी देवेंद्र, एचसी सचिन कलखंडे, डब्ल्यू/एचसी रूबी पुनिया, डब्ल्यू/सीटी निकिता शर्मा और सीटी रिंकू शामिल थे।

टीम ने सबसे पहले वारदात स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें पांच बदमाश एक अल्टो कार में नजर आए। जांच में पता चला कि कार का नंबर प्लेट फर्जी था। इसके बाद तकनीकी और मैनुअल जांच के जरिए एसआई मनोज कुमार को एक अहम सुराग मिला, जिसमें राशिद गैंग का नाम सामने आया। कई दिनों की मेहनत के बाद 10 सितंबर को गुप्त सूचना के आधार पर बागपत के पांची गांव से दीपक शर्मा और आमिर सुहैल को गिरफ्तार किया गया। इनके इशारे पर तीसरे बदमाश मोमिन को दिल्ली के खजूरी चौक से पकड़ा गया।

पुलिस ने मोमिन के कब्जे से एक देसी पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस, आमिर सुहैल के पास से एक देसी पिस्तौल और चार कारतूस, और दीपक शर्मा के इशारे पर एक बरेटा पिस्तौल और दस जिंदा कारतूस बरामद किए। इसके अलावा डकैती में इस्तेमाल की गई अल्टो कार भी जब्त की गई। हथियारों की बरामदगी के बाद क्राइम ब्रांच थाने में आर्म्स एक्ट के तहत एक अलग मामला दर्ज किया गया।

पुलिस पूछताछ में दीपक शर्मा ने बताया कि 8-9 महीने पहले उसने आनंद विहार के गोदाम में भारी नकदी की जानकारी गैंग सरगना राशिद को दी थी। राशिद ने पहले दिल्ली में डकैती से इनकार किया, क्योंकि दिल्ली पुलिस की सख्ती के चलते वह सतर्क था। लेकिन अगस्त 2025 में दीपक ने उसे मना लिया। राशिद ने दीपक, आमिर सुहैल, राहुल और समीर उर्फ गांजा के साथ मिलकर डकैती की साजिश रची। आमिर को कार का इंतजाम करने और बाकी सदस्यों को हथियार लाने का जिम्मा दिया गया।

31 अगस्त को गैंग गाजियाबाद के मोहन नगर, अर्थला पीर पर जमा हुई और वहां से अल्टो कार में सवार होकर वारदात को अंजाम दिया। डकैती के बाद गैंग बागपत के खेकड़ा में दीपक के कमरे में पहुंची और लूट का माल बांट लिया। पुलिस को चकमा देने के लिए बदमाशों ने अपने मोबाइल फोन साथ नहीं रखे।

अलीगढ़ में थी अगली लूट की साजिश

आरोपियों ने बताया कि आनंद विहार डकैती की सफलता के बाद गैंग ने अलीगढ़ में 80-90 लाख रुपये के हवाला रकम की डकैती की योजना बनाई। इस साजिश में राहुल और तौसीफ मुख्य मास्टरमाइंड थे। राहुल को तौसीफ ने बताया था कि अलीगढ़ में एक व्यक्ति मोटरसाइकिल से हवाला रकम ले जाता है। 5 सितंबर को गैंग ने अलीगढ़ में रेकी की और 10 सितंबर को वह अगली डकैती के लिए निकलने की तैयारी में थी, तभी क्राइम ब्रांच ने उन्हें धर दबोचा। यूपी पुलिस को इस साजिश की जानकारी दे दी गई है।

डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया कि आरोपी दीपक शर्मा गुरुग्राम में मोबाइल की दुकान चलाता है, दिल्ली, हरियाणा और यूपी में हत्या, सशस्त्र डकैती, आर्म्स एक्ट और अन्य अपराधों के सात मामलों में शामिल रहा है। मोमिन मेरठ के सरूरपुर में हत्या के मामले में 12 साल जेल में रहा है। जेल से छूटने के बाद राशिद गैंग में शामिल हुआ और हथियार सप्लाई करता था। इसके खिलाफ हत्या और आर्म्स एक्ट के दो मामले दर्ज हैं। आरोपी आमिर सुहैल गुरुग्राम में होम अप्लायंसेज की दुकान चलाता है। कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं, लेकिन आसान कमाई के लिए हाल ही में गैंग में शामिल हुआ था।

डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया कि फरार सरगना राशिद, राहुल, समीर उर्फ गांजा और तौसीफ को पकड़ने के लिए दिल्ली और यूपी में छापेमारी तेज कर दी गई है। यूपी पुलिस को भी अलीगढ़ की साजिश के बारे में सूचित किया गया है।

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