बड़ी खबर! उर्जित पटेल बने IMF के कार्यकारी निदेशक, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का परचम

राष्ट्रीय जजमेंट 

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया है। कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश में यह जानकारी दी गयी है। पटेल ने चार सितंबर 2016 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 24वें गवर्नर के रूप में पदभार संभाला था। उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के एक दिन बाद 10 दिसंबर 2018 को उनका कार्यकाल समाप्त हो गया था।
पटेल 1990 के बाद से अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ने वाले केंद्रीय बैंक के पहले गवर्नर थे। इससे पहले उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में काम किया था। वह आरबीआई के डिप्टी गवर्नर भी रह चुके हैं। वह 1996-1997 के दौरान आईएमएफ से केंद्रीय बैंक में प्रतिनियुक्ति पर आए थे और उस समय उन्होंने ऋण बाजार के विकास, बैंकिंग क्षेत्र में सुधार, पेंशन निधि में सुधार और विदेशी मुद्रा बाजार के विकास पर सलाह दी थी। पटेल 1998 से 2001 तक वित्त मंत्रालय (आर्थिक मामलों के विभाग) में सलाहकार रहे। वह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में अन्य पद पर भी रहे हैं।आईएमएफ का कार्यकारी बोर्ड इसके दैनिक कार्यों के संचालन के लिए ज़िम्मेदार है। इसकी आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, बोर्ड में सदस्य देशों या समूहों द्वारा चुने गए 24 कार्यकारी निदेशक होते हैं, जिनका नेतृत्व प्रबंध निदेशक करते हैं। इसके कार्यकारी बोर्ड में सभी आईएमएफ सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व होता है, जो राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रत्येक सदस्य की आर्थिक नीतियों की समीक्षा करता है। बोर्ड सदस्यों को अस्थायी भुगतान संतुलन संबंधी समस्याओं में सहायता के लिए आईएमएफ वित्तपोषण को मंज़ूरी देता है और आईएमएफ की क्षमता विकास पहलों की देखरेख भी करता है।

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