दिल्ली में दाखिला घोटाले का पर्दाफाश, हेड कांस्टेबल भी बनी शिकार, 1.34 करोड़ रुपये समेत दो ठग गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के द्वारका जिला साइबर थाना पुलिस ने एक हाई-प्रोफाइल दाखिला घोटाला गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो ठगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इंदिरापुरम निवासी 35 वर्षीय कुशाग्र श्रीवास्तव और 32 वर्षीय चिन्मय सिन्हा के रूप में हुई हैं। इस कार्रवाई में 1 करोड़ 34 लाख 66 हजार रुपये की नकदी, छह हाई-एंड मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए। यह गिरोह दिल्ली के प्रतिष्ठित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिले का झांसा देकर माता-पिता से मोटी रकम ऐंठ रहा था।

द्वारका जिले के डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि 25 अगस्त को दिल्ली पुलिस की हेड कांस्टेबल मुकेश की शिकायत पर साइबर थाना द्वारका में एफआईआर दर्ज की गई। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्हें जेएम-आईपीयूयूडीएल-पी के नाम से एक एसएमएस प्राप्त हुआ, जिसमें उनके बेटे के लिए आईपी यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट कोटा के तहत दाखिले का वादा किया गया। एसएमएस में दिए गए नंबर पर संपर्क करने पर उन्हें लवण्या नामक व्यक्ति ने नई दिल्ली के नेहरू प्लेस स्थित भंडारी हाउस के कार्यालय में बुलाया। वहां 3.5 लाख रुपये में सूरजमल कॉलेज में दाखिले का सौदा तय हुआ, जिसमें से 2.3 लाख रुपये का भुगतान 29 जुलाई 2025 को किया गया। इसके बाद ठगों ने अपने फोन बंद कर दिए और कार्यालय खाली कर फरार हो गए।

यह गिरोह 12वीं पास करने वाले छात्रों के माता-पिता को बल्क एसएमएस के जरिए निशाना बनाता था। खुद को दाखिला सलाहकार बताकर ये लोग दिल्ली के प्रतिष्ठित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में मैनेजमेंट कोटा के तहत दाखिले का झांसा देते थे। मोटी रकम वसूलने के बाद ये अपने कार्यालय बंद कर फरार हो जाते थे। प्रारंभिक जांच में पता चला कि इस गिरोह के खिलाफ कालकाजी थाने में पहले से 31 शिकायतें दर्ज थीं, जो बाद में आर्थिक अपराध शाखा को हस्तांतरित की गईं।

साइबर थाना द्वारका की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तकनीकी निगरानी, डिजिटल फुटप्रिंट विश्लेषण और आईपी ट्रेसिंग के जरिए संदिग्धों का पता लगाया। गहन तकनीकी विश्लेषण के बाद गिरोह के ठिकाने को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, इंदिरापुरम में चिह्नित किया गया। इंस्पेक्टर राजीव कुमार के नेतृत्व में और डीसीपी अंकित सिंह व एसीपी राम अवतार की देखरेख में गठित टीम ने छापेमारी कर कुशाग्र श्रीवास्तव और चिन्मय सिन्हा को गिरफ्तार किया।

डीसीपी ने बताया कि आरोपियों से उनके व्यापक ठगी नेटवर्क और अन्य अंतरराज्यीय गिरोहों से संभावित संबंधों की जांच की जा रही है। भारी मात्रा में नकदी बरामदगी के संबंध में आयकर विभाग को सूचित किया गया है। ऐसी धोखाधड़ी के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई जारी रखेंगे।

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