फर्जी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़, महिला आयोग जॉब का झांसा देकर ठगने वाला धोखेबाज गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली शाहदरा जिले कीे साइबर थाने की टीम ने एक बड़े फर्जी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए गाजियाबाद निवासी 27 वर्षीय कुख्यात धोखेबाज सागर सिंह उर्फ मनू को गिरफ्तार किया है। यह आरोपी वकीलों और शिक्षित महिलाओं को सरकारी नौकरियों का लालच देकर लाखों रुपये ठगने का मास्टरमाइंड था। सागर ने महिलाओं को महिला आयोग में चेयरपर्सन या को-हेड जैसे पदों का झांसा देकर करीब 3.34 लाख रुपये की ठगी की, और एक अन्य महिला से 23,110 रुपये ऐंठे। आरोपी ने फेसबुक आईडी हैक करके और फर्जी ईमेल भेजकर पीड़िताओं को फंसाया। आरोपी एक आदतन अपराधी है, जिसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई मामले दर्ज हैं।

डीसीपी शाहदरा प्रशांत गौतम ने बताया कि 18 अगस्त को शाहदरा साइबर थाने में धारा 318(4)/61(2) बीएनएस के तहत दर्ज एफआईआर में विश्वास नगर, शाहदरा निवासी शिकायतकर्ता ने बताया कि 10 जून 2025 को उन्हें एक वकील विजय लक्ष्मी का मैसेज मिला, जिसमें आरोपी को नौकरी के लिए सक्षम व्यक्ति बताया गया। बाद में पता चला कि विजय लक्ष्मी की फेसबुक प्रोफाइल को सागर ने हैक कर लिया था और उसी का दुरुपयोग कर शिखा को पैसे ऐंठने के लिए प्रेरित किया।

11 जून को आरोपी ने अपने मोबाइल नंबर से शिक्षा विभाग के नाम पर मैसेज भेजा, जिसमें महिला आयोग के हेड सीट में महिला सीट का वादा किया गया। इसके बाद शिखा को एक ईमेल मिला, जिसमें आवेदन के लिए 5,260 रुपये की प्रोसेसिंग फीस जमा करने को कहा गया। उसी शाम 8:35 बजे एक और ईमेल आया, जिसमें सदस्य संसद कोटा के तहत रजिस्ट्रेशन नंबर देकर इंटरव्यू लिस्ट के लिए योग्य बताया गया। 12 जून को एक और ईमेल में 15 उम्मीदवारों में शॉर्टलिस्ट होने की सूचना दी गई और आगे की प्रोसेसिंग के लिए 12,500 रुपये और 5,350 रुपये जमा करने को कहा गया। जब शिखा ने व्हाट्सएप पर संपर्क करने की कोशिश की, तो कोई जवाब नहीं मिला। संदेह होने पर उन्होंने उसी दिन एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।

धोखेबाज की पहचान के लिए एसआई रितु दांगी, एएसआई राहुल चौधरी, एचसी दीपक कुमार, एचसी रजनी चौधरी और कांस्टेबल अमित कुमार की टीम गठित की गई। एसएचओ साइबर शाहदरा विजय कुमार के नेतृत्व में एसीपी जगदीश प्रसाद की निगरानी में जांच शुरू हुई। जांच में पता चला कि शिखा से ऐंठे 23,110 रुपये पंजाब नेशनल बैंक के खाते में ट्रांसफर हुए, जो सागर सिंह के नाम से गाजियाबाद के विजय नगर में खोला गया था। आरोपी का मोबाइल नंबर भी उसके नाम पर रजिस्टर्ड था। तकनीकी और साइबर जांच से आईपी लॉग्स भी आरोपी से जुड़े पाए गए।

आगे की जांच में खुलासा हुआ कि सागर ने एक महिला वकील को महिला आयोग में चेयरपर्सन पद का लालच देकर 3.34 लाख रुपये ठगे और उसी वकील की फेसबुक आईडी का दुरुपयोग कर शिखा को को-हेड पद का झांसा दिया। आरोपी के गाजियाबाद स्थित पते पर छापेमारी से उसके पिछले अपराधों का भी पता चला। पूछताछ में सागर ने कबूल किया कि वह एक आदतन अपराधी है।

पूछताछ के दौरान सागर ने बताया कि वह गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार और अन्य विभागों की नौकरियों की डिटेल्स रखता था। गूगल से विभागाध्यक्षों की प्रोफाइल ढूंढता था और खुद को उन अधिकारियों से जुड़ा या कभी-कभी वरिष्ठ अधिकारी बनकर पीड़ितों से संपर्क करता। वह नौकरी दिलाने का आश्वासन देकर पैसे ऐंठता था। आरोपी ने कई महिलाओं को सरकारी पदों का लालच देकर ठगा।

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