दिल्ली विश्वविद्यालय में अभाविप और छात्रसंघ की भूख हड़ताल, प्रशासन पर छात्र हितों की अनदेखी का आरोप

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में छात्रों की मांगों को लगातार अनसुना करने के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और अभाविप नेतृत्व वाले दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने सोमवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। यह हड़ताल 21 जुलाई से चल रहे अनिश्चितकालीन धरने के 15वें दिन शुरू हुई है और मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी।

भूख हड़ताल में डीयू छात्रसंघ के उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह और सचिव मित्रविंदा करनवाल के साथ यश डबास, आर्यन मान, गोविंद तंवर, प्रबल प्रताप सिंह, नितिन तंवर, रोहित डेढ़ा, दीपिका झा, लक्ष्य राज सिंह और वंतिका सिंह शामिल हैं। ये छात्र नेता विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर डटकर मुकाबला कर रहे हैं।

एबीवीपी दिल्ली प्रदेश मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा, “यह आंदोलन केवल कुछ मांगों तक सीमित नहीं है। हम दिल्ली विश्वविद्यालय में पारदर्शिता, जवाबदेही और छात्र कल्याण की संस्कृति स्थापित करना चाहते हैं। प्रशासन जब तक ठोस कदम नहीं उठाता, हमारा संघर्ष और भूख हड़ताल जारी रहेगी।”

डीयू छात्रसंघ के उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने प्रशासन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “हमने बार-बार छात्रों की समस्याओं को लेकर प्रशासन से बातचीत की कोशिश की, लेकिन हमें सिर्फ अनदेखी मिली। जब प्रशासन सुनने को तैयार नहीं, तो भूख हड़ताल जैसे लोकतांत्रिक रास्ते अपनाना हमारी मजबूरी है। यह आंदोलन अब निर्णायक चरण में है, और हम अपनी मांगें मनवाकर ही यहां से उठेंगे।”

एबीवीपी और डीयू छात्रसंघ पिछले 15 दिनों से विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। छात्रों का आरोप है कि प्रशासन उनकी जायज मांगों, जैसे बेहतर सुविधाएं, पारदर्शी प्रशासनिक प्रक्रियाएं और छात्र कल्याण से जुड़े मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। भूख हड़ताल को इस आंदोलन को और तेज करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। छात्र नेताओं ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे पीछे नहीं हटेंगे।

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