मालेगांव ब्लास्ट में मोदी का नाम ले लो तो तुम्हें नहीं पीटेंगे, छोड़ देंगे…प्रज्ञा ठाकुर का हैरान करने वाला खुलासा

राष्ट्रीय जजमेंट

2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में विशेष एनआईए अदालत द्वारा प्रज्ञा ठाकुर को बरी किए जाने के कुछ दिनों बाद, पूर्व भाजपा सांसद ने एक चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अन्य के नाम लेने के लिए मजबूर किया गया और प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा कि मैंने सब कुछ लिखित में दे दिया है और उन सभी के नाम भी बताए हैं जिनका नाम लेने के लिए मुझे मजबूर किया गया था। वे कहते रहे, ‘इन लोगों के नाम बताओ तो हम तुम्हें नहीं मारेंगे।’ उनका मुख्य उद्देश्य मुझे प्रताड़ित करना था।

तत्कालीन यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस झूठे मामले के पीछे है, जो भगवा और सशस्त्र बलों को बदनाम करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। इसे धर्म की जीत बताते हुए प्रज्ञा ने कहा, कांग्रेस ने अपनी साजिश के तहत यह झूठा मामला दर्ज कराया। इसका कोई आधार नहीं था। कांग्रेस धर्म विरोधी है। यह आतंकवादियों को पालने वाली पार्टी है। कांग्रेस कभी राष्ट्रवादी पार्टी नहीं बन सकती। प्रज्ञा ने आगे आरोप लगाया कि उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा नहीं दी गई – बस इतना ही कि मैं किसी तरह चल सकूँ।

उन्होंने आगे कहा कि इसीलिए आज मेरी यह हालत है। मैं अंदर से पूरी तरह कमज़ोर हो गई हूँ। महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए एक शक्तिशाली विस्फोट के सत्रह साल बाद, विशेष एनआईए अदालत ने गुरुवार को ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। आतंकवाद निरोधक कानून एजेंसी पर निशाना साधते हुए विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी ने कहा कि केवल संदेह के आधार पर मामले को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा।

 

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