प्राचीन त्र्यंबकेश्वर मंदिर को सुरक्षित करेगा एएसआई, कुंभ के लिए विशेष तैयारी

राष्ट्रीय जजमेंट

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 13 प्रमुख अखाड़ों के प्रमुखों और पुरोहित संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और आगामी नासिक-त्र्यंबकेश्वर सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों पर चर्चा की थी। यह मेला 31 अक्टूबर 2026 को नासिक के त्र्यंबकेश्वर और रामकुंड में पारंपरिक ध्वजारोहण के साथ शुरू होगा।महाराष्ट्र में अगले साल आयोजित होने वाले कुंभ मेले से पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) मानसून के बाद नासिक जिले में स्थित प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर का रासायनिक संरक्षण का कार्य प्रारंभ करेगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। भगवान शिव को समर्पित त्र्यंबकेश्वर मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह नासिक शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है।हर 12 साल में एक बार लगने वाला सिंहस्थ कुंभ मेला 31 अक्टूबर 2026 को त्र्यंबकेश्वर और नासिक के रामकुंड में ध्वजारोहण के साथ शुरू होगा। अधिकारी ने बुधवार को बताया, ‘‘अगले वर्ष कुंभ मेले के दौरान देश भर से श्रद्धालु त्र्यंबकेश्वर मंदिर आएंगे।एएसआई को इस प्राचीन मंदिर के रासायनिक संरक्षण के लिए मंजूरी मिल गई है।’’ उन्होंने कहा, एएसआई सबसे पहले मंदिर की सफाई का कार्य शुरू करेगा, जिसके बाद रासायनिक संरक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस दौरान मंदिर की संरचना में मौजूद छोटी-मोटी दरारों की भी मरम्मत की जाएगी। यह कार्य मानसून के बाद शुरू होगा और संभावना है कि यह अगले वर्ष फरवरी तक पूरा हो जाएगा।इसके अलावा 29 जुलाई, 2027 को नासिक में ‘नगर प्रदक्षिणा’ (शहर में घड़ी की दिशा में मूर्ति को घुमाने वाला जुलूस) आयोजित की जाएगी। गोदावरी नदी में पहला ‘अमृत स्नान’ (अनुष्ठान स्नान) 2 अगस्त, 2027 को, दूसरा 31 अगस्त, 2027 को, तीसरा 11 सितंबर, 2027 को नासिक में और चौथा 12 सितंबर, 2027 को त्र्यंबकेश्वर में होगा। 12 वर्षों में एक बार आयोजित होने वाला सिंहस्थ कुंभ मेला 24 जुलाई, 2028 को समाप्त होगा।

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