दिल्ली में महिलाओं को मिलेगी 24×7 आज़ादी, नाइट शिफ्ट में कर सकेंगी काम, सुरक्षा के होंगे कड़े इंतजाम

राष्ट्रीय जजमेंट

दिल्ली सरकार द्वारा नाइटलाइफ़ को पुनर्जीवित करने के प्रयासों के तहत, अब दिल्ली में महिलाएं दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में रात्रि पाली (24×7) में काम कर सकेंगी। इस ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस कदम से कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी और साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में व्यापार करने में आसानी को भी बढ़ावा मिलेगा।कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना
दिल्ली सरकार ने दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने की अनुमति देने वाले प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना और दिल्ली को 24 घंटे कार्यरत रहने वाला व्यावसायिक केंद्र बनाना है। गुप्ता ने इसे एक ‘‘ऐतिहासिक निर्णय’’ बताते हुए कहा कि यह कदम महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कड़े सुरक्षा उपाय किए जाएंगेउन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि रात्रि पाली में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय किए जाएंगे मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली अब हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों की सूची में शामिल हो जाएगी, जहां महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने की अनुमति है।’’ गुप्ता ने कहा, ‘‘यह नीति केवल काम के घंटे बढ़ाने के बारे में नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और अधिक समावेशी कार्य का माहौल बनाने के हमारे इरादे का प्रतीक है।क्या रात में काम करते समय महिलाएँ सुरक्षित रहेंगी?दिल्ली सरकार ने सभी प्रतिष्ठानों को रात्रि पाली में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए व्यापक शर्तों का पालन करने का आदेश दिया है। महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने के लिए अपने नियोक्ताओं से सहमति लेनी होगी। कार्यस्थलों पर सीसीटीवी निगरानी, महिला सुरक्षा गार्ड और परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध कराने को कहा गया है। प्रत्येक प्रतिष्ठान को यौन उत्पीड़न निवारण (POSH) अधिनियम के तहत एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन भी करना होगा। इसके अलावा, शौचालय, लॉकर और अन्य बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

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