पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा का खात्मा, सेना ने बनाया था तगड़ा ट्रेपिंग प्लान, पीड़ितों के परिवारों को मिली राहत

राष्ट्रीय जजमेंट

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने सोमवार को श्रीनगर में एक मुठभेड़ में कथित मास्टरमाइंड सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा को ढेर करके पहलगाम हमले का बदला लिया। ऑपरेशन महादेव नाम से चलाया गया यह सावधानीपूर्वक नियोजित अभियान जम्मू-कश्मीर के दाचीगाम के पास हरवान के जंगलों में तीन आतंकवादियों के मारे जाने के साथ समाप्त हुआ।
जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के बाहरी इलाके के जंगलों में सेना के शीर्ष पैरा कमांडो ने सोमवार को पहलगाम आतंकवादी हमले के कथित मास्टरमाइंड और उसके दो साथियों को मार गिराया, जिसे एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।अधिकारियों ने बताया कि 22 अप्रैल के पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा सुलेमान उर्फ आसिफ सोमवार को उस समय मारा गया, जब सुरक्षा बलों ने एक तकनीकी संकेत मिलने के बाद ‘ऑपरेशन महादेव’ नामक अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि यह तकनीकी संकेत एक ऐसे सैटेलाइट फोन के इस्तेमाल का इशारा कर रहा था, जिसका उपयोग पहलगाम हमले के हमलावरों ने भी किया था।पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड की मौतअधिकारियों के मुताबिक, सेना की कार्रवाई में मारे गए अन्य आतंकवादियों की पहचान जिब्रान (जो पिछले साल सोनमर्ग सुरंग हमले में कथित रूप से शामिल था) और हमजा अफगानी के रूप में हुई है। पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतकों में अधिकतर पर्यटक थे। इसके बाद सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे के खिलाफ सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था।
कैसे दिया गया ऑपरेशन को अंजामअधिकारियों ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर क्षेत्र में आतंकवादियों के एक अन्य समूह की मौजूदगी की आशंका के चलते सेना और अन्य सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां वहां भेजी गई हैं। जिबरान पिछले साल अक्टूबर में गगनगीर में सोनमर्ग सुरंग परियोजना पर हुए हमले में कथित रूप से शामिल था। इस हमले में एक डॉक्टर समेत सात लोग मारे गए थे। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को मुठभेड़ स्थल से एक एम4 कार्बाइन राइफल, दो एके राइफल और अन्य हथियार बरामद किए गए। मारे गए आतंकवादियों के शव स्थानीय पुलिस को सौंप दिए गए हैं, जिससे मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार उनकी पहचान करने, कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने और अंतिम संस्कार करने में मदद मिली।एक अधिकारी ने बताया कि पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे 24वीं राष्ट्रीय राइफल और चौथे पैरा यूनिट के जवानों के एक दल को तीन आतंकवादियों का पता चला। पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर क्षेत्र) वीके बिरदी ने कहा कि यह एक लंबा अभियान था, जो अंतिम रिपोर्ट मिलने तक जारी रहा। पहले श्रीनगर स्थित सेना की चिनार कोर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया किया था कि ‘ऑपरेशन महादेव’ में तीन आतंकवादी मारे गए हैं। चिनार कोर ने कहा था, ‘‘भीषण मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए हैं। ऑपरेशन जारी है।आतंकी हमले में जान गंवाने वाले भारतीय नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने सोमवार को सुरक्षाबलों की बहादुरी को सलाम करते हुए कहा कि उनके परिवार को विश्वास था कि आतंकी एक दिन मारे जाएंगे। राजेश नरवाल ने हरियाणा के करनाल में पत्रकारों से कहा,‘‘मैं सेना, अर्धसैनिक बलों और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों की बहादुरी को सलाम करता हूं। उन्होंने जान की परवाह किए बिना जिस तरह आतंकियों का खात्मा किया, वह आसान काम नहीं था। उन्हें इसके लिए सम्मानित किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही उन्हें शक था कि हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। उन्होंने कहा, “यह हमारी सेनाओं की बड़ी कामयाबी है। मैंने पहले ही कहा था कि हमारे सैनिक इन्हें एक दिन ढूंढकर मार गिराएंगे।भाई को खोने वाले व्यक्ति ने ‘मास्टरमाइंड’ के खात्मे पर कहा,‘खुशी और राहत मिली’
मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे जिनमें इंदौर के सुशील नथानियल (58) भी शामिल थे। नथानियल के छोटे भाई विकास कुमरावत ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,‘‘हम लम्बे समय से सोच रहे थे कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकी अब तक पकड़े क्यों नहीं गए हैं? इस हमले के मास्टरमाइंड को सेना के मार गिराए जाने की खबर से हमें बेहद खुशी और राहत महसूस हो रही है। यह कार्रवाई हमारी सरकार और सेना की विशेष उपलब्धि है।’’कुमरावत ने हालांकि कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में उनके बड़े भाई की मौत का जख्म उनके परिवार के लिए अब भी हरा है और परिजन इस शोक से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा,‘‘मेरे भैया कभी हमारे पास नहीं लौट पाएंगे, लेकिन (पहलगाम आतंकी हमले के बाद) सरकार और सेना की कार्रवाई हमारे लिए संतोषजनक है।’’ नथानियल, इंदौर से करीब 200 किलोमीटर दूर अलीराजपुर में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रबंधक के रूप में पदस्थ थे। वह अपनी पत्नी जेनिफर, बेटी आकांक्षा और बेटे ऑस्टिन उर्फ गोल्डी के साथ कश्मीर घूमने गए थे।

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