आईजीआई एयरपोर्ट पर फर्जी शेंगेन वीजा रैकेट का पर्दाफाश, पंजाब का मुख्य एजेंट गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर पुलिस ने फर्जी शेंगेन वीजा रैकेट का पर्दाफाश करते हुए पंजाब के एक 50 वर्षीय एजेंट रविंदर सिंह उर्फ लाली को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी रविवार रात को 18 वर्षीय तरनवीर सिंह और 20 वर्षीय गगनदीप सिंह के पासपोर्ट में फर्जी शेंगेन वीजा पाए जाने के बाद की गई। दोनों यात्री दोहा के रास्ते रोम, इटली होते हुए स्वीडन जाने की फिराक में थे।

आईजीआई एयरपोर्ट के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि रविवार की रात, पंजाब के होशियारपुर जिले के झिंगर कलां गांव के निवासी तरनवीर सिंह और गगनदीप सिंह, आईजीआई एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन काउंटर पर पहुंचे। उनके पासपोर्ट की जांच के दौरान फर्जी शेंगेन वीजा पाए गए। पूछताछ में दोनों ने खुलासा किया कि स्वीडन में रहने वाले रिश्तेदारों की समृद्धि से प्रेरित होकर, उन्होंने बेहतर आजीविका के लिए स्वीडन जाने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने रविंदर सिंह उर्फ लाली नामक एजेंट से संपर्क किया, जिसने 31 लाख रुपये के बदले रोम के रास्ते स्वीडन भेजने का वादा किया।

आईजीआई हवाई अड्डा थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर वीरेंद्र त्यागी के नेतृत्व में जांच शुरू की। दोनों यात्रियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने लाली और उसके सहयोगी कमलकांत सुरेशबाबू झा का नाम लिया। कमलकांत ने अहमदाबाद के वीएफएस कार्यालय में यात्रियों की बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन और दस्तावेज तैयार किए, लेकिन वीजा आवेदन खारिज होने पर फर्जी वीजा तैयार करवाए। कमलकांत और उसके सहयोगी अभिनेश सक्सेना को भी गिरफ्तार किया गया।

रविंदर सिंह उर्फ लाली को पकड़ने के लिए पंजाब में कई छापेमारी की गई, लेकिन वह फरार रहा। स्थानीय खुफिया जानकारी और तकनीकी निगरानी के आधार पर आखिरकार उसे पंजाब में एक ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में लाली ने स्वीकार किया कि वह 10वीं तक पढ़ा है और कई वर्षों से ट्रैवल एजेंट के रूप में काम कर रहा है। उसने 31 लाख रुपये लेकर यात्रियों के पासपोर्ट में फर्जी शेंगेन वीजा लगवाए और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर उड़ान टिकट और अन्य व्यवस्थाएं कीं। पुलिस अब इस रैकेट में शामिल अन्य संदिग्धों की तलाश कर रही है और लाली के बैंक खातों की जांच कर रही है ताकि अन्य समान मामलों में उसकी संलिप्तता का पता लगाया जा सके।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त उषा रंगनानी ने यात्रियों को सलाह दी कि वे केवल अधिकृत एजेंसियों के माध्यम से यात्रा दस्तावेज प्राप्त करें और सस्ते ऑफर देने वाले फर्जी एजेंटों से सावधान रहें। यात्रा से पहले सभी दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच करें ताकि कानूनी परेशानियों और यात्रा में व्यवधान से बचा जा सके।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More