विदेश नीति पर पाकिस्तान जैसी भाषा बोलते हैं राहुल गांधी… किरेन रिजिजू का कांग्रेस नेता पर वार

राष्ट्रीय जजमेंट

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद के मानसून सत्र से पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष किया और उन्हें राष्ट्र-विरोधी या देश के खिलाफ कुछ भी न बोलने की सलाह दी। रिजिजू ने विदेश नीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के पीछे गांधी की मंशा पर सवाल उठाया और कहा कि देश के लिए अच्छा काम करने में विपक्ष की भी भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी द्वारा देश की विदेश नीति पर प्रधानमंत्री की आलोचना करने से देश का भला नहीं होगा। देश के विकास में विपक्ष की भी भूमिका है। संसद में चर्चा होगी, लेकिन विदेश नीति पर दो राय नहीं होनी चाहिए।
लोकसभा में विपक्ष के नेता पर पाकिस्तान की भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस तरह से गांधी विदेश नीति पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं, उससे देश को नुकसान होता है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान, हमने विदेश नीति को लेकर प्रधानमंत्री पर अलग से हमला नहीं किया। जिस तरह से राहुल गांधी पाकिस्तान की भाषा बोलकर विदेश नीति पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं, उससे देश को नुकसान होता है। हम उन्हें सलाह देंगे कि विपक्ष के नेता होने के नाते उन्हें देश-विरोधी कुछ भी नहीं कहना चाहिए।रिजिजू की यह टिप्पणी राहुल गांधी द्वारा विदेश मंत्री एस जयशंकर पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी मुलाकात को लेकर हमला करने के एक दिन बाद आई है। उन्होंने दावा किया था कि वह भारत की विदेश नीति को बर्बाद करने के उद्देश्य से एक “पूरी तरह से फैला हुआ सर्कस” चला रहे हैं। अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी जयशंकर पर निशाना साधा और बताया कि कैसे चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को भरपूर समर्थन दिया।गांधी ने एक्स पर लिखा, “मुझे लगता है कि चीनी विदेश मंत्री आएंगे और (प्रधानमंत्री) मोदी को चीन-भारत संबंधों में हालिया घटनाक्रमों से अवगत कराएँगे। विदेश मंत्री अब भारत की विदेश नीति को बर्बाद करने के उद्देश्य से एक बड़ा सर्कस चला रहे हैं।” वहीं, कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इस संसद सत्र में विदेशी मामलों पर चर्चा हो। पिछली बार भी हमने सरकार से कहा था। अगर वे राहुल गांधी को बेनकाब करना चाहते हैं, तो संसद में ही करें। चर्चा हो।

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