गोवा एमआईसीई, आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और खेल आधारित पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करेगा: मुख्यमंत्री सावंत

राष्ट्रीय जजमेंट

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि सरकार राज्य में बैठकें, प्रोत्साहन यात्राएं, सम्मेलन और प्रदर्शनी (एमआईसीई) के साथ-साथ आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और खेल आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करेगी।
बृहस्पतिवार को यहां सचिवालय में क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों और प्रतिनिधियों के साथ हुई अंतर-विभागीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन उद्योग द्वारा उठाई गई समस्याओं को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मानसून के मौसम में भी गोवा में पर्यटकों की अच्छी संख्या आ रही है। हमने सभी हितधारकों से उनकी समस्याओं को सुना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस समय मानसून के मौसम में भी गोवा में पर्यटकों की तादाद में कमी नहीं आई है। हमने सभी हितधारकों से उनकी समस्याओं को सुना है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापार लाइसेंस के नवीनीकरण, संचालन के समय में वृद्धि, बुनियादी ढांचे की समस्याओं और हवाई संपर्क से जुड़े प्रमुख मुद्दों का समाधान अगले महीने के भीतर कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम कुछ देशों के लिए आगमन पर वीजा और राज्य के लिए अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा के हवाई संपर्क जैसे मुद्दों को भारत सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय के माध्यम से तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
सावंत ने कहा कि विभागों के बीच बिना किसी बाधा के समन्वय से गोवा की पर्यटन क्षमता का पूरा लाभ उठाया जाएगा, जिससे राज्य के लोगों को रोजगार के अवसर, कौशल विकास और डिजिटल कौशल विकास पोर्टल का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य सरकार बैठक, प्रोत्साहन यात्रा, सम्मेलन और प्रदर्शनी (एमआईसीई) के साथ-साथ आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और खेल आधारित पर्यटन को विशेष रूप से बढ़ावा देगी ताकि पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।’’
सावंत ने कहा कि बैठक में ‘हाई स्पीड इंटरनेट’ सुविधा को बढ़ावा देने, परिवहन व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने और स्वच्छ एवं हरित गोवा पहल के माध्यम से आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने की योजनाएं भी साझा की गईं।
बैठक में शामिल हुए राज्य के पर्यटन मंत्री रोहन खुंटे ने उद्योग के विकास को सुनिश्चित करने के लिए अंतर-विभागीय सहयोग और हितधारकों के बीच तालमेल की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन एक ऐसा उद्योग है जिसे पंचायतों से लेकर पुलिस, वन और अन्य विभागों के साथ निरंतर समर्थन और सुव्यवस्थित समन्वय की आवश्यकता होती है।

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