मोदी सरकार किसके इशारे पर आंखें मूंदे बैठी थी? राहुल गांधी फिर साधा केंद्र पर निशाना

राष्ट्रीय जजमेंट

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार पर जेन स्ट्रीट पर सेबी की विस्फोटक कार्रवाई को लेकर तीखा हमला किया, जिसने भारत के 6.2 लाख करोड़ रुपये के पूंजी बाजार के बुनियादी ढांचे में भूचाल ला दिया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि मैंने 2024 में साफ कहा था – F&O बाज़ार ‘बड़े खिलाड़ियों’ का खेल बन चुका है, और छोटे निवेशकों की जेब लगातार कट रही है। अब SEBI खुद मान रहा है कि जेन स्ट्रीट ने हज़ारों करोड़ की चालाकी की। SEBI इतने समय तक चुप क्यों रही?राहुल गांधी ने सवाल किया कि मोदी सरकार किसके इशारे पर आंखें मूंदे बैठी थी? और कितने बड़े शार्क अब भी रिटेल इन्वेस्टर्स को शॉर्ट कर रहे हैं? हर मामले में साफ दिख रहा है – मोदी सरकार अमीरों को और अमीर बना रही है, और आम निवेशकों को बर्बादी की कगार पर धकेल दिया है। जेन स्ट्रीट अमेरिका में स्थित एक प्रसिद्ध स्वामित्व वाली ट्रेडिंग फर्म है, जो 45 से अधिक देशों में सक्रिय है। सेबी ने हाल ही में इस फर्म पर भारत में स्टॉक और इंडेक्स की कीमतों में हेरफेर करके अपने ऑप्शन ट्रेड को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है। सेबी के अनुसार, जेन स्ट्रीट ने पहले कीमतों को बढ़ाने के लिए स्टॉक खरीदकर और फिर बाद में ऑप्शन सेगमेंट में गिरती कीमतों से पैसे बनाने के लिए उन्हें बेचकर भारी मुनाफा कमाया।नियामक ने इन ट्रेडों से जुड़े 4,800 करोड़ रुपये से अधिक के मुनाफे को फ्रीज कर दिया है और जेन स्ट्रीट और इसकी भारतीय शाखा को बाजार में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है। सेबी ने चल रही जांच के तहत उनके बैंक और डीमैट खातों को भी फ्रीज कर दिया है। जेन स्ट्रीट ग्रुप (जेएस ग्रुप) से जुड़ी चार संस्थाओं- जेएसआई इन्वेस्टमेंट्स, जेएसआई2 इन्वेस्टमेंट्स, जेन स्ट्रीट सिंगापुर और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग- को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिभूतियों में सौदे करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

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