एससीओ समिट में आतंकवाद पर चीन-पाक करने चले थे खेल! राजनाथ सिंह का संयुक्त वक्तव्य पत्र पर दस्तखत से इनकार

राष्ट्रीय जजमेंट

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को चीन में एससीओ बैठक में संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया और सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर कटाक्ष करने और भाग लेने वाले देशों से ऐसे कृत्यों के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की अपील करने के बाद भारत के आतंकवाद विरोधी रुख पर जोर दिया।
रिपोर्टों में कहा गया है कि एससीओ बैठक में संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने से आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख कमजोर हो जाएगा।चीन पूर्वी शहर क़िंगदाओ में 25 से 26 जून तक दो दिवसीय एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक की मेजबानी कर रहा है। इस बैठक में शंघाई सहयोग संगठन के सभी दस पूर्ण सदस्य देशों के रक्षा मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हो रहे हैं: भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और सबसे नए सदस्य बेलारूस। चीन की 2025 की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक का विषय है “शंघाई भावना को बनाए रखना: एससीओ आगे बढ़ रहा है।”उम्मीद है कि वे इस दौरान अपने चीनी और रूसी समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। एजेंडे में मुख्य विषयों में सीमा सुरक्षा, क्षेत्रीय रक्षा सहयोग और आतंकवाद विरोधी संयुक्त प्रयास शामिल हैं।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद के दोषियों, वित्तपोषकों व प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और इससे निपटने में ‘‘दोहरा’’ मापदंड नहीं अपनाया जाना चाहिए। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को पनाह देने के लिए सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल नीतिगत साधन के रूप में कर रहे हैं।
सिंह एससीओ के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार को चीन के बंदरगाह शहर किंगदाओ पहुंचे थे। उन्होंने कहा, हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित हैं। सिंह ने कहा, और इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ती कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद है। सिंह ने कहा कि शांति-समृद्धि और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि सरकार से इतर तत्वों और आतंकवादी समूहों के हाथों में सामूहिक विनाश के हथियार सौंपने के साथ भी शांति कायम नहीं रह सकती। रक्षा मंत्री ने कहा, इन चुनौतियों से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है और हमें अपनी सामूहिक सुरक्षा के लिए इन बुराइयों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा।

 

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