मणिपुर में जबरन वसूली की गतिविधियों में संलिप्त तीन उग्रवादी गिरफ्तार

राष्ट्रीय जजमेंट

मणिपुर में सुरक्षाबलों ने जबरन वसूली की गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों के तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।

इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित ‘यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट’ (पंबेई) के एक कैडर को शनिवार को विष्णुपुर जिले के मोइरांग सेंद्रा रोड से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि उग्रवादी पर जिले और इंफाल में स्थानीय व्यापारियों तथा कई सरकारी संस्थानों से जबरन वसूली की गतिविधियों में सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप है।

अधिकारी ने बताया कि यूएनएलएफ (पंबेई) ने नवंबर 2023 में केंद्र के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन इसके सदस्यों को ‘‘जबरन वसूली और अन्य आपराधिक गतिविधियों’’ के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने कहा कि प्रतिबंधित ‘कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी’ के एक सक्रिय सदस्य को रविवार को इंफाल पश्चिमी जिले के पटसोई पार्ट-एक गांव से जबरन वसूली में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित केसीपी (ताइबांगनगांबा) के एक अन्य सदस्य को शनिवार को इंफाल पूर्वी जिले के याइंगंगपोकपी से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि उस पर घाटी क्षेत्र के स्कूलों और कॉलेजों में दाखिला दिलाने का वादा कर अभिभावकों से रुपये वसूलने का आरोप है।

राज्य पुलिस ने यह भी कहा कि राज्य में जबरन वसूली की गतिविधियों में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए खुफिया जानकारी के आधार पर तलाश अभियान बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है। दो साल पहले जातीय हिंसा भड़कने के बाद से सुरक्षाबल मणिपुर में तलाश अभियान चला रहे हैं।

मई 2023 से अब तक मेइती और कुकी-जो समुदाय के बीच जातीय हिंसा में 260 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद केंद्र ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था। राज्य विधानसभा को निलंबित स्थिति में रखा गया है जिसका कार्यकाल 2027 तक है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More