पाकिस्तान के 40 वर्षों के आतंक को प्रायोजित करने के कार्य को उजागर करना जरूरी, विदेश मंत्रालय ने बताया क्यों दुनियाभर में भेजे अपने प्रतिनिधिमंडल

राष्ट्रीय जजमेंट

बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सात प्रतिनिधिमंडल हैं। तीन प्रतिनिधिमंडल रवाना हो चुके हैं। यह एक राजनीतिक मिशन है। हम आतंकवाद से लड़ने के अपने संकल्प को दुनिया तक पहुँचाने के लिए एक मजबूत पहुँच बनाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि दुनिया आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने के लिए एक साथ आए। हम दुनिया से आग्रह करना चाहते हैं कि वे सीमा पार आतंकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराएँ। वे पिछले 40 वर्षों से भारत के खिलाफ़ इसे अंजाम दे रहे हैं, यानी पाकिस्तान। उनके कार्यों को उजागर करने की आवश्यकता है। उन्हें भारत के खिलाफ़ किए गए आतंकी हमलों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
भारत ने पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के खिलाफ बृहस्पतिवार को अपनी वैश्विक संपर्क कवायद शुरु की और ऑपरेशन सिंदूर के बाद आत्मरक्षा के अधिकार पर पक्ष रखने के लिए बहुदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल जापान और संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे। जापान गए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद संजय झा कर रहे हैं, जबकि शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुंचा है। दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने मंत्रियों, महत्वपूर्ण लोगों और विभिन्न संगठनों के लोगों से मुलाकात की। यूएई में भारतीय दूतावास ने कहा कि यूएई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगवानी करने वाला पहला देश है और यह दोनों देशों के बीच दोस्ती के गहरे बंधन को रेखांकित करता है।

यूएई में भारतीय दूतावास ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ हैं। श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अबू धाबी में शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान के साथ एक लाभदायक बैठक की। हर तरह के आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उसने कहा कि उन्होंने भारत और यूएई के सद्भाव और सहिष्णुता के मूल्यों को रेखांकित किया।

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